प्रेरक कथा; एक गांव में एक व्यक्ति की नई-नई शादी हुई थी, वह व्यक्ति अपनी पत्नी का खूब ख्याल रखता था, जैसे-जैसे समय बीतता गया दोनों में लड़ाई-झगड़े होने लगे, एक दिन……..

किसी गांव में एक व्यक्ति रहता था, जिसकी नई-नई शादी हुई थी। वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी देखभाल करता था। शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ सही रहा। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया। आए दिन दोनों के बीच झगड़े होने लगे।

संत समझ गया कि इनका वैवाहिक जीवन अशांत है
पत्नी रोज की अशांति से तंग आ गई। दोनों एक-दूसरे से प्यार तो करते थे। लेकिन उनका क्रोध उनके रिश्ते पर हावी हो रहा था। एक दिन गांव के प्रसिद्ध संत उनके घर आए। पति-पत्नी ने संत को खाना खिलाया। इस दौरान संत समझ गए कि इन दोनों के बीच अशांति है। संत ने खाना खाने के बाद पानी का लोटा उठाया और पूछा कि हम कितनी देर इस लोटे को ऊपर उठाकर रख सकते हैं।

संत ने समझाया किसी एक समस्या पर टिके नहीं रहना चाहिए। पति-पत्नी ने कहा कि हम कुछ देर तक इसे आराम से उठा सकेंगे। लेकिन कुछ समय बाद हाथ में दर्द होने लगेगा। संत ने कहा कि जैसे हम लोटे को ज्यादा समय तक नहीं उठा सकते, उसी तरह अगर हम किसी समस्या पर या किसी बात पर लंबे समय तक अटके रहेंगे तो इससे हमारे जीवन में तनाव बढ़ने लगेगा। अगर वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां हैं तो उन्हें जल्दी हल कर लेना चाहिए। अगर किसी परेशानी पर ज्यादा समय तक टिके रहेंगे तो जीवन नर्क बन जाएगा।

कथा की सीख

कथा से यही सीख मिलती है कि अगर पति-पत्नी के रिश्ते में कोई समस्या है तो उसे विचार-विमर्श कर हल कर लेना चाहिए। बाहर का तनाव घर में नहीं लाना चाहिए। इससे जीवन नर्क बन जाता है।

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