एक बार एक राजा जंगल में शिकार करने के लिए गया, वापस आते समय काफी रात हो गई तो राजा ने जंगल में ही अपना शिविर लगा लिया, रात के समय राजा के शिविर में एक बंदर घुस आया और……

एक दिन एक राजा जंगल में अपने सैनिकों के शिकार करने के लिए गया। जब रात हो गई तो उसने जंगल में ही शिविर लगवा लिया। रात के वक्त राजा के शिविर में एक बंदर घुस आया और वह चिल्लाने लगा। जैसे ही राजा ने बंदर की आवाज सुनी राजा उठ गए। उन्होंने देखा कि उनके पास एक डंसने वाला सांप है। राजा ने तुरंत ही उस सांप को अपने से दूर हटा दिया।

राजा ने बंदर का उपकार माना और मन ही मन सोचा कि आज इस बंदर की वजह से ही मेरी जान बची। राजा ने बंदर को खाने के लिए बहुत सारे फल दिए। बंदर को भी राजा के साथ बहुत मजा आ रहा था। जब राजा जंगल से लौटकर महल में आए तो बंदर भी उनके साथ आया।

राजा ने उस बंदर को अपने साथ शयनकक्ष में रखा। जब भी राजा रात में सोते तो बंदर उनकी रक्षा करता। एक दिन सोते वक्त राजा की नाक पर एक मक्खी आ कर बैठ गई। उस बंदर ने राजा की नाक पर से मक्खी हटाने की कोशिश की। लेकिन मक्खी नहीं हटी।

बंदर बहुत प्रयास करने के बाद एक डंडा लेकर आया। बंदर ने उस डंडे को तेजी से राजा की नाक पर मार दिया।सराजा उठ गया और उसको बहुत दर्द हो रहा था। राजा ने अपने आप को किसी तरह से बंदर से बचा लिया और उसे समझ आ गया कि बंदर एक जानवर है। बंदर में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती है। आज यही बंदर मेरी जान ले सकता था। राजा ने उस बंदर को तुरंत ही निकलवा दिया।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि कभी भी किसी मूर्ख को अपने साथ नहीं रखना चाहिए, क्योंकि उसमें सोचने समझने की शक्ति बिल्कुल भी नहीं होती है। मूर्ख व्यक्ति की वजह से कभी भी हमारे प्राण संकट में पड़ सकते हैं।

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