एक गांव में एक किसान खेती के साथ-साथ मक्खन बेचने का भी काम करता था, वह रोजाना शहर जाकर मक्खन बेचता था, शहर में एक व्यापारी को उसका मक्खन बड़ा पसंद आया……..
आपने यह कहावत तो सुनी होगी जैसी करनी, वैसी भरनी अर्थात जो जैसा कर्म करता है, उसको वैसा ही फल मिलता है। हम आपको एक ऐसी लोक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें भी यह बताया गया है कि हर किसी को अपने कर्म का फल जरूर मिलता है।
एक गांव में एक किसान रहता था। वह खेती करता था और साथ ही साथ मक्खन बेचने का भी काम करता था। वह हर रोज शहर के बाजार में जाकर मक्खन बेचता था। एक व्यापारी को किसान का मक्खन बहुत ज्यादा पसंद आ गया। इसलिए उसने किसान से कहा कि अब तुम हर रोज मुझे 1 किलो मक्खन दे जाना।
किसान को बहुत खुशी हुई। उस किसान ने सोचा कि आप बिना किसी परेशानी के मक्खन बिक जाया करेगा। उस किसान ने उस व्यापारी की दुकान से थोड़ा बहुत सामान एवं 1 किलो गुड़ खरीद लिया और सामान लेकर अपने घर आ गया। अब किसान हर रोज उस व्यापारी को 1 किलो मक्खन दे दिया करता था।
कुछ समय बीत जाने के बाद उस व्यापारी ने मक्खन तोला तो उसका वजन 900 ग्राम था। इस वजह से व्यापारी को काफी गुस्सा आया। उसने सोचा कि यह तो धोखा कर रहा था। मुझसे 1 किलो मक्खन के पैसे लेकर सिर्फ 900 ग्राम मक्खन देता है।
किसान एक बार फिर मक्खन लेकर आया तो व्यापारी ने उसको दिखाया कि तुम्हारा मक्खन 1 किलो नहीं बल्कि 900 ग्राम आता है। दुकानदार ने चिल्लाकर कहा कि तू इतने दिनों से मुझे धोखा दे रहा था। किसान ने बताया कि साहब जी मेरे पास मक्खन को तोलने के लिए बांट नहीं है। मैंने आपके यहां से 1 किलो गुड़ खरीदा था। मैं उसी से मक्खन तोलता था।
दुकानदार को बहुत ही शर्मिंदगी महसूस हुई क्योंकि वह खुद गलत काम करता था। अब दुकानदार को पता चल गया कि कर्मों का फल हर किसी को जरूर मिलता है।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि इंसानों को उनके कर्म का फल कभी ना कभी जरूर मिलता है। इसीलिए बुरे कर्म छोड़कर हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए। जीवन में हमेशा अच्छा होगा।