एक गांव में एक कंजूस व्यक्ति रहता था, उसने कभी किसी की कोई मदद नहीं की, मरने के बाद वह व्यक्ति नरक में पहुंचा, नरक में वह दिन-रात रोता रहता और भगवान से प्रार्थना करता……
एक गांव में एक कंजूस आदमी रहता था। वह कभी किसी की मदद नहीं करता था। इसी वजह से उसे मरने के बाद नर्क में जगह मिली। उसे नर्क में बहुत ही दयनीय परिस्थितियों में रहना पड़ा था। वह नर्क में दिन-रात रोता रहता है और भगवान से प्रार्थना करता रहता कि मुझे यहां से बाहर निकालो। एक दिन भगवान को उस व्यक्ति पर दया आई।
भगवान ने चित्रगुप्त से उस व्यक्ति के बारे में पूछा कि क्या इसने कोई अच्छा काम किया, जिससे उसे नर्क से निकालकर स्वर्ग में भेजा जा सके। चित्रगुप्त ने बहीखाता देखकर भगवान को बताया कि इस कंजूस व्यक्ति ने एक व्यक्ति को सड़ा हुआ केला दिया था। इस तरह भगवान को उस व्यक्ति को नर्क से बाहर निकालने का रास्ता मिल गया।
भगवान ने उसके पास एक सीढ़ी भिजवाई और कहा कि तुम इसी के सहारे स्वर्ग तक जा सकते हो। सीढ़ी पाकर कंजूस व्यक्ति बहुत खुश हो गया और वह ऊपर चढ़ने लगा। उसे ऊपर चढ़ता देख नर्क में रह रहे दूसरे लोग भी सीढ़ी पर चढ़ने लगे तो वह कंजूस व्यक्ति उन सब लोगों को नीचे धकेलने लगा और कहने लगा कि यह सीढ़ी भगवान ने मेरे लिए भेजी है। तुम लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।
जैसे ही उस व्यक्ति ने यह कहा वहां से सीढ़ी गायब हो गई और कंजूस व्यक्ति नर्क में आ गया। उसी समय उसे आवाज सुनाई दी कि अगर तुम यहां भी दूसरों की मदद नहीं करना चाहते तो तुम्हारे लिए नर्क ही सबसे बेहतर जगह है।
लाइफ मैनेजमेंट
हमें वही मिलता है जो आप दूसरों को देना चाहते हैं। अगर आपने जीवन में कभी किसी को कुछ नहीं दिया तो आपको भी कुछ नहीं मिलेगा। कंजूस लोग खुद जीवन का आनंद उठाते हैं, लेकिन दूसरों की कभी मदद नहीं करते। इसी वजह से मुश्किल की घड़ी में उन्हें कभी मदद नहीं मिलती।