किसी जंगल में एक पेड़ पर कबूतरों का झुंड रहता था, उनमें एक बूढ़ा कबूतर भी था, एक दिन उस बूढ़े कबूतर ने पेड़ के ताने को देखा और कहा इसे तुरंत नष्ट कर दो, अगर यह तना इसी तरह बढ़ता रहा तो……
एक लोक कथा के मुताबिक, किसी बड़े पेड़ पर कबूतरों का झुंड रहता था, जिनमें से एक कबूतर बूढ़ा था। एक दिन उस बूढ़े कबूतर ने झुंड के बाकी कबूतरों से कहा कि इस पेड़ के तने पर एक छोटी-सी बेल है, जिसको तुरंत नष्ट कर दो। अगर यह बेल बड़ी हो जाएगी तो किसी दिन बहेलिया इस बेल की मदद से पेड़ पर चढ़ा आएगा और जाल बिछाकर हमें पकड़ लेगा। यह हमारे लिए खतरा साबित हो सकती है।
बूढ़े कबूतर की यह बात सुनकर बाकी कबूतर उसका मजाक उड़ाने लगे और उसके कहने लगे कि आप बूढ़े हो गए हैं, इसलिए आपको एक छोटी बेल भी खतरा लगती है। आप चिंता मत करो। यह छोटी बेल हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
कुछ समय बाद बेल बड़ी हो गई और पूरे तने से लिपट गई। एक दिन बहेलिया आया और उसने पेड़ पर ढेरों कबूतरों को देखकर उन्हें अपने जाल में फंसाने की योजना बनाई। अगले दिन बहेलिये ने बेल की मदद से पेड़ पर चढ़कर जाल बिछा दिया। जब कबूतर दाना चुंगकर वापस लौटे तो सारे कबूतर जाल में फंस गए।
कुछ देर बाद बूढ़ा कबूतर वहां आया और सबको जाल में फंसे हुए देखा। जाल में फंसे कबूतर कहने लगे कि आपने उस दिन सही कहा था। अगर हमने आपकी बात मान ली होती तो हम मुसीबत में ना फंसते। कृपया हमारी मदद करें, नहीं तो अगले दिन बहेलिया हमें ले जाएगा।
बूढ़े कबूतर ने जाल में फंसे हुए कबूतरों को से कहा कि जब बहेलिया आए तो सब लोग मरने की का नाटक करना। इससे बहेलिये को लगेगा कि सारे कबूतर मर गए हैं और वह सबको छोड़ देगा। जैसे ही वह जाल खोले तो मैं सीटी बजा दूंगा और तुम सब उड़ जाना।
सभी कबूतरों ने अगले दिन बहेलिये के आने पर बिल्कुल वैसा ही किया, जैसा उस बूढ़े कबूतर ने कहा था। बहेलिये ने कबूतरों को मरा हुआ समझकर जाल से निकाल दिया और बूढ़े कबूतर ने सीटी बजा दी और सारे कबूतर उड़ गए।
यह है कथा की सीख
यह कथा हमें यह सिखाती है कि बड़े-बूढ़ों की बात हमेशा माननी चाहिए। उनका अनादर नहीं करना चाहिए। अगर आप अपने बड़े-बुजुर्गों की सलाह मानते हैं तो आप मुसीबतों से बच सकते हैं।