किसी शहर में एक पति-पत्नी रहते थे, उनकी शादी को 25 साल हो गए थे, शादी के इतने सालों बाद भी दोनों के बीच बहुत प्यार था, लेकिन अचानक पति बीमार पड़ गया, जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उसे……..

एक शहर में पति-पत्नी एक साथ रहते थे। उन दोनों की शादी हुए 25 साल हो गए थे। दोनों एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे। लेकिन अचानक से पति बीमार हो गया। जब डॉक्टरों को दिखाया गया तो पता चला कि पति को किडनी में समस्या है। पति का कई दिनों तक इलाज चला, जिसके बाद वह ठीक हो पाया। लेकिन पति इस बीमारी के कारण कमजोर हो गया।

पति बीमार था। उस कारण उसको लंबे समय तक नौकरी छोड़नी पड़ी और उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इस बीच पति के पिता का निधन हो गया। उसके कुछ दिन बाद ही उसके बेटे का भी एक्सीडेंट हो गया। इन सभी घटनाओं के बाद पति उदास रहने लगा।

पत्नी ने अपने पति को दुख भरे माहौल से बाहर निकालने के लिए कोशिश करना चालू कर दी। पत्नी ने एक प्लान बनाया और अपने पत्नी को उनके मनपसंद जगह पर ले कर गई। पति वहां पहुंच कर भी उदासी रहता था।

पत्नी ने पति से पूछा कि तुम अपनी मनपसंद जगह पर हो। फिर भी उदास हो। पति ने एक गहरी सांस ली और कहा कि बीमारी के कारण मैं बहुत कमजोर हो गया। मेरे पिताजी का भी निधन हो गया। यह परेशानियां खत्म नहीं हो पाईं कि बेटे के का भी एक्सीडेंट हो गया। मुझ पर इतने सारे दुख आए। मैं कैसे मुस्कुरा सकता हूं।

पत्नी ने बताया कि जब तुम्हें किडनी की बीमारी थी तो तुम्हें बहुत दर्द होता होगा। लेकिन सर्जरी होने के बाद तुमको उस दर्द से छुटकारा मिल गया। आप पिछले सालों से कह रहे थे कि नौकरी करते-करते कई साल हो गए हैं। अब नौकरी से रिटायरमेंट ले लेता हूं और कहीं घूमने चला जाऊंगा।

जब पति ने पत्नी की यह बात सुनी तो पूछा कि यह तो ठीक है। लेकिन पिताजी का निधन हो गया और बेटे का भी एक्सीडेंट हो गया।

पत्नी ने पति को कहा कि इस बात का दुख तो मुझे भी है। लेकिन पिताजी अपने शरीर की अशक्तता के कारण दूसरों पर निर्भर रहते तो उन्हें कितना बुरा लगता। उनकी मृत्यु उनके सक्रिय रहते हुए हुई। क्या हमारे लिए यह संतोष का विषय नहीं है।

पति ने इस पर कुछ नहीं कहा और पत्नी की तरफ देखने लगा। इससे पति का दुख बहुत कम हो गया। पत्नी ने कहा कि बेटे का एक्सीडेंट होने से मुझे काफी गहरा सदमा लगा। लेकिन इतना भयानक एक्सीडेंट होने के बावजूद भी बेटे की सिर्फ पैर की हड्डी टूटी, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।

पत्नी की इन सभी सकारात्मक बातों को सुनकर पति का दुख दूर हो गया। उसकी सोच में बड़ा बदलाव आया और उसका मन उत्साह से भरपूर हो गया।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आना अनिवार्य है। कई बार जीवन में सभी मुसीबतें एक साथ आ जाती हैं। लेकिन इन परिस्थितियों में हमें निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि सकारात्मक सोच मन में रखनी चाहिए।

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