एक बार एक राजा जंगल में शिकार शिकार करते हुए काफी दूर निकल गया, जब वह वापस अपने महल आने लगा तो रास्ता भूल गया, रास्ता खोजते-खोजते उसे काफी भूख-प्यास लगने लगी…….
एक प्राचीन कथा के मुताबिक, एक राजा वन में शिकार करने के लिए गया. लेकिन उसे शिकार नहीं मिला तो वे बहुत दूर पहुंच गया. जब वे वापस अपने राज्य में लौटने लगा तो वह रास्ता भूल गया. रास्ता खोजते-खोजते उसे भूख-प्यास लगने लगी, जिससे वह काफी परेशान हो गया. उसी समय राजा ने एक झोपड़ी देखी. राजा झोपड़ी के पास गया और वहां रहने वाले वनवासी से भोजन और पानी मांगा.
वनवासी ने राजा का आदर सत्कार किया और उन्हें भोजन कराया राजा. वनवासी के आतिथ्य से राजा बहुत खुश हुए और उन्होंने वनवासी से कहा कि हम इस राज्य के राजा हैं और तुम्हारे आथित्य से प्रसन्न हैं. इसीलिए हम तुम्हें हमारे नगर का चंदन का बाग भेंट करते हैं. इसके बाद राजा वनवासी द्वारा बताए हुए रास्ते से अपने नगर लौट गए. वनवासी राजा के नगर में पहुंचा और राजा की आज्ञा से उसे चंदन का बाग दे दिया गया.
वनवासी को चंदन के गुणों और उसके महत्व के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था. वह हर रोज चंदन की लकड़ियां जलाकर उसका कोयला बनाकर बाजार में भी बेचता था. धीरे-धीरे बाग में से सारे चंदन के पेड़ खत्म हो गए. अब केवल एक ही पेड़ बचा था. वनवासी आखरी पेड़ काटता उससे पहले ही बारिश हो गई, जिस वजह से पेड़ जल नहीं पाया और कोयला नहीं बन पाया. तब वनवासी ने सोचा कि आज मैं लकड़िया ही बेच आता हूं.
जब वनवासी चंदन की लकड़ियां लेकर बाजार में गया तो चंदन की खुशबू बाजार में फैल गई और उसकी लकड़ियां लकड़ियां बहुत अधिक धन में बिक गई. यह देखकर वनवासी को काफी आश्चर्य हुआ कि जब वह लकड़ियों को जलाकर कोयला बनाता था तो उसे कम धन मिलता था. लेकिन लकड़िया ज्यादा कीमत में बिकी. वनवासी यह सोचकर पश्चाताप करने लगा.
कथा की सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब हमें सही जानकारी नहीं होती तो हमें नुकसान उठाना पड़ता है. अगर हमें कोई नया काम शुरू करना है तो हमें उसके बारे में सभी जानकारियां प्राप्त कर लेनी चाहिए. तभी हम सफलता हासिल कर सकते हैं.