एक गांव में एक पति-पत्नी हंसी खुशी रहते थे, महल में दिनभर मेहनत करके पति एक स्वर्ण मुद्रा काम लेता था, वह काफी मेहनती और ईमानदार था, उसकी पत्नी बुद्धिमानी से घर चलाती थी, एक दिन महल से घर……

लालच ऐसी बुरी बला है जो किसी का जीवन बर्बाद कर सकता है. आप सभी ने वह कहावत तो सुनी होगी कि लालच बुरी बला है, जो दुख को सुख में बदल देती है. इसीलिए हमेशा लालच से दूर रहना चाहिए.

एक प्राचीन कथा के मुताबिक, गांव में एक पति-पत्नी सुखी जीवन बिता रहे थे. पति दिनभर राजा के महल में मेहनत करके स्वर्ण मुद्रा कमा लाता था. वह बहुत ईमानदार था और राजा का प्रिय था. उसकी पत्नी भी बुद्धिमानी से घर चलाती. एक दिन महल से घर लौटते समय उस व्यक्ति को यक्ष मिला, जिसने उस व्यक्ति से कहा- मैं तुम्हारी ईमानदारी और मेहनत से बहुत प्रसन्न हूं. इसलिए मैं तुम्हें सोने के सिक्कों से भरे सात घड़े दे रहा हूं. तुम्हें यह घड़े तुम्हारे घर में मिल जाएंगे. वह व्यक्ति बहुत खुश हो गया.

जब वह घर पहुंचा तो उसने अपनी पत्नी को सारी बात बताई. जब उन्होंने अंदर कमरे में जाकर देखा तो वहां सात घड़े रखे हुए थे जिनमें से 6 खड़े सोने के सिक्कों से भरे थे. लेकिन एक घड़ा खाली था. यह देखकर पति को गुस्सा आ गया और वह बोला कि यक्ष ने धोखा दिया है. पति गुस्से में उसी जगह पर यक्ष से मिलने पहुंचा. यक्ष वहां प्रकट हुए और उसने कहा कि सातवां घड़ा तुम अपनी कमाई से भर लेना.

व्यक्ति ने सोचा कि थोड़ा सा घड़ा भरने में कुछ ही दिन लगेंगे. मेरे पास बाकी 6 घड़े तो पूरे भरे हुए हैं. वह घर आकर अपनी पत्नी से बोला कि सातवां घड़ा हम खुद भर देंगे. पति-पत्नी ने फिर बचत करना शुरू कर दिया और खाली घड़े में सोने के सिक्के डालना शुरू कर दिए. सातवां घड़ा नहीं भर रहा था. धीरे-धीरे पति-पत्नी बहुत कंजूस हो गए और वह जल्दी से जल्दी खाली घड़े को भरना चाहते थे. उनके घर में पैसों की कमी होने लगी. पत्नी ने व्यक्ति को समझाने की बहुत कोशिश की. लेकिन वह व्यक्ति नहीं माना.

कुछ ही दिनों में उनके घर में शांति भंग हो गई. बात-बात पर लड़ाई झगड़े होने लगे. सुख के दिन दुख में बदल गए. जब यह बात राजा को पता चली तो उन्होंने उस व्यक्ति को दो मुद्राएं देना शुरू कर दिया. इसके बाद भी व्यक्ति को चैन नहीं मिला तो राजा ने सेवक से पूछा क्या तुम्हें किसी यक्ष ने सात घड़े दिए हैं.

सेवक ने कहा कि हां महाराज, सेवक ने राजा को पूरी बात बताई. राजा ने सेवक से कहा कि तुम अभी जाकर सातों घड़े यक्ष को वापस लौटा दो. सातवां घड़ा लोभ का है. यह घड़ा कभी नहीं भरेगा. लोभ कभी शांत नहीं होगा. सेवक राजा की बात को समझ गया और वह सातों घड़े यक्ष को लौट आया. इसके बाद दोनों के जीवन में सुख आ गया.

कथा की सीख

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि लोभ और लालच बुरी बला है, जो हमारा जीवन बर्बाद कर देती हैं. जीवन में सुख-शांति नष्ट हो जाती है और दुख आ जाता है.

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