एक किसान गरीबी के कारण परेशान था, एक दिन उसके गांव में एक प्रसिद्ध संत आए, किसान भी उनसे मिलने गया और उन्हें अपनी परेशानी बताई, संत ने उस किसान को एक मंत्र दिया और कहा इस विधि के साथ…….
एक किसान गरीबी से बहुत परेशान था. 1 दिन गांव में प्रसिद्ध संत आए. किसान उनके पास गया और उन्हें अपनी परेशानियां बताई. संत ने किसान को एक मंत्र बताया और कहा कि इस विधि से मंत्र का जाप करो. किसान मंत्र का जाप करने लगा. कुछ ही दिनों में उसके सामने देवी प्रकट हुई. देवी ने किसान से कहा- मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूं. तुम मुझसे जो चाहे वरदान मांग लो. किसान सोचने लगा कि मैं देवी से क्या मांगू.
किसान को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था तो उसने देवी से कहा कि मैं आपसे कल वरदान मांगूंगा. देवी इस बात के लिए तैयार हो गई और वहां से अंतर्ध्यान हो गई. किसान बहुत सोचने लगा. उसने सोचा कि मेरे पास घर नहीं है. मुझे घर मांग लेना चाहिए. कुछ देर बाद उसने यह सोचा कि मैं अगर जमींदार होता तो बहुत शक्तिशाली होता. मुझे जमींदार बनने का वरदान मांगना चाहिए.
फिर किसान ने सोचा- अगर मैं राजा होता तो सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता. मुझे राजा बनने का वरदान मांगना चाहिए. यह सोचते सोचते पूरी रात निकल गई. किसान कुछ भी नहीं सोच पाया कि उसे देवी से क्या मांगना है. सुबह होते ही देवी प्रकट हुई और उससे वरदान मांगने को कहा. किसान ने देवी से कहा कि देवी कृपया मुझे वर दीजिए कि मेरा मन भगवान की भक्ति में लगा रहे. मैं हमेशा संतुष्ट रहूं.
देवी तथास्तु कहकर चली गई और पूछा कि तुमने धन संपत्ति क्यों नहीं मांगी. किसान ने कहा- देवी मेरे पास धन नहीं है. लेकिन मेरे पास धन आने की उम्मीद से ही मैं बेचैन हो गया. मैं मानसिक तनाव में रहा और रात को सो भी नहीं पाया. इसीलिए मुझे ऐसा धन नहीं चाहिए, जिससे मेरे जीवन की सुख शांति खत्म हो जाए. इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें हर हाल में संतुष्ट रहना चाहिए. अगर हम असंतुष्ट रहेंगे तो कभी भी खुशहाल नहीं रह पाएंगे.