सीख; महाभारत में कुंती अपने पांच पुत्रों के साथ वन में रह रही थीं, क्योंकि धृतराष्ट्र और दुर्योधन नहीं चाहते थे कि पांडु के पुत्रों को राज्य मिले, धृतराष्ट्र का पुत्र दुर्योधन अधर्मी था, वह बचपन से ही पांडव पुत्रों को परेशान……..

बच्चों का जीवन कैसे सुधारा जाए, ये बात महाभारत से सीख सकते हैं। महाभारत में दो खास परिवार हैं, पहला पांडव और दूसरा है कौरव। पांडव परिवार में कुंती और पांच पुत्र थे। जबकि कौरव परिवार में धृतराष्ट्र और गांधारी के साथ ही सौ पुत्र थे। पांडवों के पास सुख-सुविधाओं का अभाव था, जबकि कौरवों के पास सारी सुख-सुविधाएं थीं।

महाभारत में कुंती अपने पांच पुत्रों के साथ वन में रह रही थीं, क्योंकि धृतराष्ट्र और दुर्योधन नहीं चाहते थे कि पांडु के पुत्रों को राज्य मिले। धृतराष्ट्र का पुत्र दुर्योधन अधर्मी था। वह बचपन से ही पांडव पुत्रों को परेशान कर रहा था।

कुंती के पति पांडु शाप की वजह से मर चुके थे। पांडु की दूसरी पत्नी माद्री भी जीवित नहीं थी। इन दोनों के बाद कुंती को पांच पुत्रों का पालन करना था। तीन पुत्र कुंती के थे और दो पुत्र माद्री के थे।

कुंती जानती थीं कि जंगल में तो कोई सुख-सुविधा तो मिलेगी नहीं, इसलिए कुंती ने बच्चों का पालन करते समय संस्कारों पर ज्यादा ध्यान दिया। दूसरी ओर कौरव पक्ष में धृतराष्ट्र अंधे थे, गांधारी ने भी आंखों पर पट्टी बांध ली थी। दुर्योधन और उसके भाई लगातार गलत काम कर रहे थे, लेकिन माता-पिता ने उनकी ओर ध्यान ही नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि सभी कौरव पुत्र अधर्मी हो गए।

महाभारत युद्ध में जब श्रीकृष्ण को ये निर्णय लेना था कि किसके पक्ष में रहेंगे, तब उन्होंने धर्म मार्ग पर चल रहे पांडव पुत्रों को चुना। धृतराष्ट्र और गांधारी ने अपने पुत्रों को सुख-सुविधा की हर एक चीज दी थी, लेकिन अच्छे संस्कार नहीं दिए थे। संतान के मोह में धृतराष्ट्र ने दुर्योधन को सही-गलत का फर्क नहीं बताया। इस एक गलती की वजह से पूरा कौरव वंश नष्ट हो गया।

महाभारत की सीख

पांडव और कौरव परिवार को देखकर हम समझ सकते हैं कि बच्चों के पालन में सुख-सुविधाओं से ज्यादा संस्कारों पर ध्यान देना चाहिए। कुंती के संस्कारों की वजह से ही सभी पांडव श्रीकृष्ण को प्रिय थे। हमें भी बच्चों को सुख-सुविधा देने के साथ ही अच्छे संस्कार भी देना चाहिए। तभी उनका भविष्य बेहतर बन सकता है। इस संबंध में लापरवाही की गई तो बच्चों को जीवनभर परेशान होना पड़ सकता है।

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