सीख; हनुमान जी ने सूर्य देव के पास पहुंचे और उनसे गुरु बनने के लिए प्रार्थना की, हनुमान जी की बात सुनकर सूर्य देव ने कहा कि मैं तो एक पल के लिए कहीं रूक नहीं सकता हूं, न ही मैं रथ से उतर…….

सूर्य पंचदेवों में से एक हैं और हनुमान जी के गुरु भी हैं। बाल हनुमान जब थोड़े बड़े हुए तो माता अंजनी और पिता केसरी ने उन्हें सूर्य देव के पास ज्ञान हासिल करने के लिए भेजा। माता-पिता की बात मानकर हनुमान जी ने सूर्य देव के पास पहुंचे और उनसे गुरु बनने के लिए प्रार्थना की।

हनुमान जी की बात सुनकर सूर्य देव ने कहा कि मैं तो एक पल के लिए कहीं रूक नहीं हूं, न ही मैं रथ से उतर सकता हूं तो ऐसी स्थिति में मैं तुम्हें ज्ञान नहीं दे पाऊंगा।

तब हनुमान जी ने कहा कि आप अपनी गति कम किए बिना ही मुझे ज्ञान दीजिए। मैं आपके साथ चलते-चलते विद्या हासिल कर लूंगा। इस बात के लिए सूर्य देव मान गए। इसके बाद सूर्य देव ने हनुमान जी को सभी वेदों और शास्त्रों का ज्ञान हनुमान जी को दिया। इस प्रकार सूर्यदेव की कृपा से ही हनुमान जी को ज्ञान मिला।

सीख- इस प्रसंग में हनुमान जी संदेश दिया है कि योग्य गुरु से ज्ञान हासिल के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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