सीख; देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव के पास बहुत धन-संपत्ति थी, कुबेर को अपनी धन-दौलत पर घमंड हो गया था, एक दिन कुबेर घमंड के साथ ही शिव जी के पास पहुंच गए और शिव जी से कहा कि मैं आपको अपने……
शिव जी की कथाओं में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं। इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो हमारी कई दिक्कतें दूर हो सकती हैं। यहां जानिए ऐसी ही कथा, जिसमें शिव जी ने संदेश दिया है कि हमें अपने पद और धन का घमंड नहीं करना चाहिए।
कथा के मुताबिक, देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव के पास बहुत धन-संपत्ति थी। कुबेर को अपनी धन-दौलत पर घमंड हो गया। एक दिन कुबेर घमंड के साथ ही शिव जी के पास पहुंच गए और शिव जी से कहा कि मैं आपको अपने महल में खाने के लिए आमंत्रण देने आया हूं। आप चलें और मेरे यहां भोजन करें।
कुबेर देव ने शिव जी को पूरे परिवार के साथ भोजन का का न्योता दिया। शिव जी समझ गए थे कि कुबेर देव को अपने धन और पद का घमंड हो गया है। भगवान ने कहा कि हमसे अच्छा है कि आप जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएंगे तो बेहतर रहेगा।
कुबेर देव ने कहा कि मैं तो सभी को खाना खिलाते रहता हूं, आज मेरी इच्छा है कि मैं आपके परिवार को खाना खिलाऊं। इसलिए आप मेरे महल में आइए और भोजन करिए।
शिव जी ने सोचा कि कुबेर देव का घमंड दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं तो नहीं आ सकता, लेकिन आप गणेश को ले जाइए और ध्यान रखना गणेश खाने में जल्दी तृप्त नहीं होते हैं।
कुबेर देर को अहंकार तो था ही, उन्होंने कह दिया कि मैं तो सभी को भोजन करा सकता हूं तो गणेश जी को भी तृप्त कर सकता हूं।
शिव जी गणेश जी को कुबेर देव के यहां भोजन करने भेज दिया। गणेश जी कुबेर देव के महल पहुंच गए। कुबेर देव ने गणेश जी के लिए बहुत सारा खाना बनवाया और गणेश जी को खाना परोसना शुरू कर दिया। गणेश जी लगातार खाते ही जा रहे थे, लेकिन उनका पेट नहीं भर रहा था। गणेश जी तृप्त नहीं हुए, लेकिन कुबेर देव के यहां का अन्न का भंडार खाली हो गया। गणेश जी को और भूख लग रही थी।
कुबेर देव निराश होकर तुरंत ही शिव जी के पास पहुंचे और पूरी बात बता दी। कुछ ही देर में गणेश जी भी शिव जी के पास पहुंच गए। शिव जी ने देवी पार्वती से गणेश जी के खाने के लिए कुछ लाने को कहा। पार्वती जी तुरंत ही खाना ले आईं। देवी पार्वती के हाथ का बना खाना खाकर गणेश जी शांत हो गए।
ये देखकर कुबेर देव को अपनी गलती समझ आ गई। कुबेर ने शिव जी से क्षमा मांगी और घमंड न करने का संकल्प लिया।
कथा की सीख
इस कथा में शिव जी ने संदेश दिया है कि हमें किसी भी स्थिति में अपने पद और धन का घमंड नहीं करना चाहिए। जो लोग घमंड करते हैं, उन्हें घर-परिवार और समाज में सम्मान नहीं मिलता है।