सीख; एक व्यक्ति हर रोज गौतम बुद्ध के उपदेश सुनने आ रहा था, वह बुद्ध से इतना प्रभावित हो गया कि उसने ये तय कर लिया कि अब इनकी सेवा में ही रहना है, वह भिक्षुक…….
गुस्सा एक ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से हमारी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। इसलिए इस बुराई से बचना चाहिए। जब एक ही समय पर दो लोग गुस्सा हो जाते हैं तो विवाद बहुत बढ़ जाता है। जब सामने वाला व्यक्ति गुस्सा करता है तो हमें शांत रहना चाहिए। ये बात हम गौतम बुद्ध के एक किस्से से समझ सकते हैं।
एक व्यक्ति हर रोज गौतम बुद्ध के उपदेश सुनने आ रहा था। वह बुद्ध से इतना प्रभावित हो गया कि उसने ये तय कर लिया कि अब इनकी सेवा में ही रहना है। वह भिक्षुक बन गया।
वह व्यक्ति एक प्रतिष्ठित परिवार से था। जब वह भिक्षुक बन गया तो उसके घर में हंगामा हो गया। उसका एक रिश्तेदार इस बात से बहुत गुस्सा हो गया।
बुद्ध उपदेश दे रहे थे, कई लोग उनकी बातें सुन रहे थे। उस समय वह व्यक्ति गुस्से में बुद्ध के पास पहुंच गया। गुस्से में व्यक्ति ने चिल्लाना शुरू कर दिया और वह बुद्ध को भला-बुरा कहने लगा।
जो लोग बुद्ध के उपदेश सुनने के लिए बैठे हुए थे, वे बेचैन हो गए। गुस्से में वह व्यक्ति बुद्ध को गालियां भी दे रहा था। गाली देने वाला व्यक्ति थोड़ी देर बाद थक गया। तब बुद्ध ने उससे पूछा कि आपको जो कहना था, वह आप कह चुके?
उस व्यक्ति ने कहा कि हां, मैं कह चुका।
बुद्ध बोले कि जब आपके घर कोई मेहमान आता है तो आप क्या करते हैं?
उस व्यक्ति ने कहा कि हम मेहमान का स्वागत करते हैं, उसका स्वागत करते हैं। कोई नादान ही होगा जो अतिथि का सत्कार नहीं करेगा।
बुद्ध ने फिर पूछा कि आपके घर जो व्यक्ति आता है, आप उसे कोई भेंट देते हैं और अगर उसने स्वीकार नहीं की तो वह चीज कहां जाएगी?
व्यक्ति ने कहा कि वह चीज हमारे पास ही रह जाएगी।
बुद्ध बोले कि आप मेरे अतिथि हैं। आपने मुझे जो सौंपा है, वह मैंने स्वीकार ही नहीं किया है। जितने अपशब्द और गालियां आपने मुझे दीं हैं, मैंने स्वीकार नहीं की तो वह किसके पास गईं? आप के पास ही रह गई हैं।
बुद्ध की बातें सुनकर उस व्यक्ति का गुस्सा शांत हो गया।
गौतम बुद्ध की सीख
अगर कोई व्यक्ति हमारा अपमान करता है, अपशब्द कहता है तो हमें शांत रहना चाहिए। ऐसी बातें स्वीकार ही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अगर हम ऐसी बातें स्वीकार करेंगे तो हमें भी गुस्सा आएगा। सामने वाला व्यक्ति गुस्सा करके खुद का नुकसान कर लेता है, हम भी गुस्सा करेंगे तो हमारा भी नुकसान हो जाएगा। इसलिए हमें गुस्सा को काबू रखना चाहिए और दूसरों के गुस्से का सामना शांति से करना चाहिए।