सीख; एक बार एक व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद जी पूछा- मैं दिन-रात मेहनत करता हूं लेकिन फिर भी मुझे मेरे काम में सफलता नहीं मिल पाती है, ऐसा क्यों? स्वामी जी ने उस व्यक्ति से कहा, सबसे पहले आप एक काम करें……..

स्वामी विवेकानंद से एक व्यक्ति ने पूछा, ‘मैं मेहनत बहुत करता हूं, लेकिन सफलता नहीं मिलती। ऐसा क्यों? 

स्वामी जी ने कहा, ‘आप पहले एक काम करें, 

आश्रम में एक कुत्ता है इसे घुमा लाइए। ‘ 

B

व्यक्ति कुत्ते को घुमा कर एक घंटे बाद लौटा। वो कम थका हुआ था, लेकिन कुत्ता बहुत ज्यादा थक गया था। 

स्वामी जी ने पूछा, ‘ये कुत्ता ज्यादा थका हुआ है, ऐसा क्यों ?’ जवाब मिला,’ ये पूरे समय ये दूसरे कुत्तों के पीछे दौड़ता रहा।’ 

स्वामी जी बोले, ‘यही आपके सवाल का जवाब है। अलग-अलग चीजों के पीछे ना भागें। पहले एक लक्ष्य तय करें, फिर उसमें पूरी ऊर्जा लगा दें, सफलता जरूर मिलेगी।’ 

……………………………..

बालक नरेंद्र को बातें करना बहुत अच्छा लगता था। एक दिन नरेंद्र अपनी कक्षा में साथी विद्यार्थियों से बात कर रहे थे तो शिक्षक नाराज हो गए। शिक्षक ने पूछा, ‘कौन जोर-जोर से बोल रहा है ?” 

सभी विद्यार्थियों ने नरेंद्र की ओर इशारा कर दिया। इसके बाद शिक्षक ने सभी विद्यार्थियों से कहा, ‘मैं कुछ प्रश्न पूछ रहा हूं। जो उत्तर नहीं दे पाएगा, उसे दंड मिलेगा।’ 

शिक्षक ने जब प्रश्न पूछे तो सभी विद्यार्थियों ने गलत उत्तर दिए। सिर्फ नरेंद्र ने सही उत्तर बताए । शिक्षक समझ गए कि नरेंद्र पढ़ाई कर रहा था, बाकी शोर कर रहे थे। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को खड़ा कर दिया। सभी विद्यार्थियों के साथ नरेंद्र भी बेंच पर खड़े हो गए। 

शिक्षक ने कहा, ‘नरेंद्र तुम बैठ जाओ। दंड इनको • मिलना चाहिए जो शोर कर रहे थे। ‘ 

नरेंद्र ने कहा, ‘सच तो ये है कि उस शोर में सबसे ऊंची आवाज मेरी ही थी। मैं भी बातें कर रहा था। अगर इस बात का दंड इन्हें मिल रहा है तो ये दंड मुझे भी मिलना चाहिए।’ इस बात से शिक्षक बहुत प्रसन्न हुए।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *