चीनी वैज्ञानिकों का दवा अब 130 साल तक जिंदा रह सकेगा इंसान, खून में मिला ऐसा तत्व जो रोक देगा बुढ़ापा
लंबी उम्र कौन जीना नहीं चाहता? इसके लिए लोग तमाम तरह के जतन करते हैं. खुद को फिट रखने के लिए कई तरह की कोशिशें करते हैं. लेकिन कोई अमर होकर तो आया नहीं. एक न एक दिन तो उसे इस दुनिया से विदाई लेनी ही है. लेकिन अब इंसान 130 साल तक जी सकेगा. यह सिर्फ कल्पना नहीं, साइंटिफिक तौर पर इसकी पुष्टि भी हुई है. दरअसल, चीन के वैज्ञानिकों को खून में वो तत्व मिल गया है, जो बूढ़ापा रोकने में मददगार है. दावा है कि अगर ये तत्व इंसानों को एक उम्र में दिया जाए तो वे लंबी उम्र तक जी सकेंगे. वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि इसे दवा के रूप में दिया जा सकेगा. पूरा खून बदलने की जरूरत नहीं होगी.
नेचर एजिंग जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वैज्ञानिकों ने औसतन 840 दिनों तक जीने वाले नर चूहों पर यह रिसर्च की. जब वे 20 महीने के थे, तो उन्हें हर हफ्ते इस तत्व वाला इंजेक्शन दिया गया. पता चला कि चूहों की उम्र कम नजर आने लगी. उनका बूढ़ापा थम गया और उनके काम करने की क्षमता बढ़ गई. उनके जीवनकाल में 22.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो रिकॉर्ड है.
इंजेक्शन लेते ही उम्र होगी 120 से 130 साल
रिसर्च टीम के सदस्य झांग चेन्यु ने कहा, हम यह देखकर गदगद थे कि ये इंजेक्शन लेने वाले कई चूहे 1266 दिनों तक जिंदा रहे. आप सोच सकते हैं कि जो चूहा 840 दिनों से ज्यादा नहीं जिंदा रह सकता, वो चूहा 1,266 दिनों तक जीवित रहा. इसे इंसानों की आयु के हिसाब से देखें, तो इंजेक्शन लेने से उनकी उम्र 120 से 130 साल तक हो सकती है. झांग चेन्यु ने कहा, अगर इसका इंजेक्शन तैयार कर लिया गया और इंसानों को देने की इजाजत मिल गई, तय मानिए कि इंसानों की उम्र बढ़ जाएगी. हर शख्स के लिए 100 साल से ज्यादा वक्त तक जिंदा रहना संभव होगा.
दवाओं से भी दिया जा सकेगा
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसे दवाओं के माध्यम से दिया जा सकता है. इसके लिए खून बदलने की जरूरत नहीं होगी. इलाज काफी सरल और आसान होगा. रिसर्च के लेखक, चेन शी ने कहा-हमने साफ-साफ देखा कि यह काम कर रहा है. यह सबसे शक्तिशाली एंटी एजिंंग तत्व है, जो हमें मिल गया है. यह हमारे खून में काम कर सकता है. चेन शी ने बताया कि यह रिसर्च सात साल तक चला. इसमें सैकड़ों चूहों से डेटा एकत्र किया गया. उन्होंने कहा- वैज्ञानिक ये साबित कर चुके हैं कि sEVs न्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन को कोशिकाओं में ले जाते हैं. यही आपके ब्रेन तक सूचना ले जाते हैं. इसी से हमें भी नए रिसर्च की प्रेरणा मिली.