सीख; श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या लौट रहे थे, रास्ते में श्रीराम सभी को जितने भी स्थान आ रहे थे, उनके बारे में बता रहे थे, जब पुष्पक विमान से अयोध्या दिखी, श्रीराम ने कहा, ‘ये है पवित्र नगरी अयोध्या…….

रामायण में रावण का वध करके श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या लौट रहे थे। उनके साथ लक्ष्मण, सीता के साथ ही हनुमान, सुग्रीव, विभीषण, अंगद, जामवंत आदि भी थे।

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रास्ते में जितने भी स्थान आ रहे थे, उनके बारे में श्रीराम सभी को बता रहे थे और जैसे ही पुष्पक विमान से अयोध्या दिखी। श्रीराम ने कहा, ‘ये है पवित्र नगरी अयोध्या। वैसे तो वेद-पुराण में वैकुंठ की बड़ी प्रशंसा की गई है, लेकिन मुझे अवधपुरी सबसे प्रिय है। यह मेरी जन्मभूमि है। यहां रहने वाले लोग भी मुझे बहुत प्रिय हैं।’

जब श्रीराम ये बात कह रहे थे तो सभी ने सोचा कि राम अपनी जन्मभूमि और यहां के लोगों की इतनी प्रशंसा कर रहे हैं। सभी ने श्रीराम से एक बात समझी कि जहां हमारा जन्म हुआ है, वह नगर, वह देश और वहां के लोग हमारी नजर बहुत सम्माननीय होना चाहिए। अगर हम समर्थ हो जाएं तो उनके लिए कुछ न कुछ अच्छा काम जरूर करना चाहिए।

सीख

अपनी जन्मभूमि और वहां के लोगों का हमेशा सम्मान करें। अगर जन्म क्षेत्र में किसी चीज की कमी हो, वहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, खाने-पीने की चीजों की कमी हो तो हमें अपनी शक्ति के अनुसार वहां के लोगो की मदद करनी चाहिए। श्रीराम कहते हैं कि जहां जन्म लिया है, उस भूमि का चयन परमात्मा ने हमारे लिए किया है तो जब आप उस भूमि को कुछ लौटाते हैं तो ये भी भगवान की पूजा करने जैसा ही है।

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