ये हैं दुनिया के 4 सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड, इनके पास खिलाड़ियों की सैलरी देने तक के नही हैं पैसे
दुनिया भर में क्रिकेट को काफी पसंद किया जाता है. क्रिकेट के खेल से खिलाड़ियों की अच्छी कमाई होती है. क्रिकेट खेलने वाले देश के क्रिकेट बोर्ड भी काफी अमीर होते हैं और अपने खिलाड़ियों पर जमकर पैसा लुटाते हैं. वर्तमान में बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. लेकिन कई क्रिकेट बोर्ड ऐसे भी हैं जो कि बहुत ही गरीब है. आज हम आपको दुनिया के 4 सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड के बारे में बताने जा रहे हैं.
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को हमेशा से ही आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है. अफगानिस्तान की टीम के पास खुद का कोई अंतरराष्ट्रीय मैदान भी नहीं है. जिस कारण अफगानिस्तान की टीम भारत और दिल्ली के क्रिकेट मैदानों को अपने होम ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल करती है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को ज्यादा सैलरी भी नहीं देता है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ओर से सबसे ज्यादा राशिद खान को 3500 यूएस डॉलर दिए जाते हैं. जिसकी भारतीय मुद्रा में कीमत तकरीबन 2,55000 रुपए है. जबकि कई अफगानिस्तानी खिलाड़ियों की सैलरी 100000 से भी कम है.
नेपाल क्रिकेट बोर्ड
नेपाल क्रिकेट का हाल भी कुछ अच्छा नहीं है. नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन, आईसीसी के एसोसिएट मेंबर्स में शामिल है. यहां के खिलाड़ियों को आईसीसी द्वारा सैलरी दी जाती है. नेपाल में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी लगातार नेपाल में निवेश बढ़ाने का प्रयास कर रही है. नेपाली क्रिकेटरों की सैलरी की बात करें तो नेशनल क्रिकेट खेलने के लिए क्रिकेटरों को पचास हजार रुपयों से 1.5 लाखों रुपए तक दिए जाते हैं.
केन्या क्रिकेट बोर्ड
एक समय केन्या की टीम का नाम काफी सुर्खियों में रहता था. इसका मुख्य कारण केन्या की टीम का आर्थिक संघर्ष रहा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे केन्या के क्रिकेटरों की सैलरी $65 से $90 के बीच हुआ करती थी, जिसकी भारतीय मुद्रा में कीमत 4000 से ₹6000 होती है. आर्थिक कमी के कारण केन्या के क्रिकेटर बोर्ड से किनारा करते गए.
जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड
गरीबी के मामले में जिंबाब्वे की टीम पहले नंबर पर है. क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा आर्थिक संघर्ष जिंबावे को ही झेलना पड़ा है. 2019 में आईसीसी ने जिंबाब्वे को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बैन कर दिया था, जिसका मुख्य कारण जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के पास पैसों की कमी थी. 2019 में जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह अपने खिलाड़ियों को सैलरी दे सके. इस कारण आईसीसी ने जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड पर प्रतिबंध लगा दिया था.