सीख; हनुमान जी को उस समय हैरानी हुई जब लंकिनी उनके सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई। लंकिनी ने कहा, ‘प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखी कौशलपुर राजा। यानी आप अपने हृदय में……

रामायण में हनुमान जी को लंका में प्रवेश करते समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। सबसे पहले हनुमान जी के लिए लंका की सुरक्षा अधिकारी लंकिनी बाधा बनी थी।

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लंकिनी ने हनुमान जी को अपना परिचय देते समय कहा, ‘मैं लंका की सुरक्षा अधिकारी हूं, चोर पकड़ना मेरा काम है। तुम चोरी छिपे लंका में प्रवेश कर रहे थे तो मैंने तुम्हें पकड़ लिया।’

हनुमान जी ने लंकिनी के मुंह पर मुक्का मारा तो उसके मुंह खून निकलने लगा था। हनुमान जी ने उससे कहा था, ‘जब सुरक्षा व्यवस्था ही चोरों की रक्षा करने लगे तो मुझे दंड देना होगा।’

हनुमान जी को उस समय हैरानी हुई जब लंकिनी उनके सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई। लंकिनी ने कहा, ‘प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखी कौशलपुर राजा। यानी आप अपने हृदय में श्रीराम को रखें और लंका में प्रवेश करें।’

हनुमान जी ये बात सुनकर चौंक गए। एक राक्षसी ने इतनी अच्छी बात कही है। हनुमान जी ने सोचा कि भले ही ये एक राक्षसी है, लेकिन इसने बात बहुत ज्ञान वाली कही है। हनुमान जी जानते थे कि अच्छी बात कोई भी कहे, उसे हमें स्वीकार करना चाहिए। अच्छी बातों को सही अर्थ के अपना सके, उनका पालन कर सके तो ये भी समझदारी ही है। हनुमान जी ने ऐसा ही किया था।

सीख

हमारे आसपास कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका आचरण गलत होता है, जो गलत काम करते हैं, अगर ऐसे लोग भी कोई अच्छी बात कहते हैं तो उसे तुरंत ही अपना लेना चाहिए। अच्छे लोग मिलना बहुत मुश्किल है, लेकिन कोई व्यक्ति ज्ञान की बात कहता है तो उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए।

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