किसी रहस्य से कम नहीं हैं भारत के ये कुंड, क‍ितनी भी सर्दी क्‍यों न पड़े कभी भी नही होता पानी ठंडा, आखिर क्यों इतनेगर्म है इन कुंडों का पानी, जानिए

हमारे देश में तमाम ऐसी जगहे हैं ज‍िनके बारे में कुछ भी समझ पाना मुश्किल ही नहीं नामु‍मक‍िन सी बात लगती है। ऐसे मंद‍िरों और अन्‍य स्‍थानों का हमने कई बार ज‍िक्र क‍िया है। इन्‍हीं के बीच से आज हम कुंडों की जानकारी आपके साथ शेयर कर रहे हैं। हम ज‍िनकी बात कर रहे हैं वह भारत के कुछ ऐसे कुंड हैं, जिनका पानी सालों से गर्म है। क‍ितनी भी सर्दी क्‍यों न पड़े इन कुंडों का पानी कभी भी ठंडा नहीं होता। तो आइए जानते हैं क‍ि आखिर क्यों गर्म है इन कुंडों के गर्म पानी का रहस्‍य?

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ओडिशा का अत्रि कुंड काफी प्रस‍िद्ध है। यह कुंड सल्फर युक्त गर्म पानी के कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। यह जलकुंड भुवनेश्वर से तकरीबन 42 क‍िलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुंड के पानी का तापमान 55डिग्री है। कुंड में स्नान करने से सारी थकान पल भर में ही दूर हो जाती है।

तुलसी-श्याम कुंड जूनागढ़ से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बता दें क‍ि यहां पर गर्म पानी के तीन कुंड हैं। खास बात यह है कि इन तीनों कुंडों में पानी तो गर्म ही रहता है। लेक‍िन तीनों में अलग-अलग तापमान का पानी रहता है। इस कुंड के पास ही 700 साल पुराना रुक्मणी देवी का मंदिर स्थित है।

पश्चिम बंगाल में स्थि‍त बकरेश्‍वर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहां गर्म पानी के 10 कुंड हैं। इन्‍हें अग्नि, भैरव, खीर, सौभाग्‍य, नृसिंह, पापहरा और सूर्या सहित अन्‍य कुंड स्‍थापित हैं। मान्‍यता है क‍ि इनमें से क‍िसी भी कुंड में स्‍नान करने से जातक के सभी रोग दूर हो जाते हैं।

पटना के समीप राजगीर को भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन कराया था। इसी दौरान आए सभी देवी-देवताओं को एक ही कुंड में स्नान करने में द‍िक्‍कत होने लगी। मान्‍यता है क‍ि तभी ब्रह्माजी ने यहां 22 कुंड और 52 जलधाराओं का निर्माण क‍िया था। वैभारगिरी पर्वत की सीढ़‍ियों पर मंदिरों के बीच गर्म जल के कई झरने हैं, यहां सप्तकर्णी गुफाओं से जल आता है। ब्रह्मकुंड यहां का सबसे खास कुंड हैं। इसे ही पाताल गंगा भी कहा जाता है।

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