सीख; रावण बहुत ज्ञानी था, सभी वेदों का जानकार था, शिव जी का परम भक्त था, बहुत शक्तिशाली था और वह अंहकारी भी था, खुद को सबसे सर्वश्रेष्ठ समझता……

वैसे तो रावण बहुत ज्ञानी था, सभी वेदों का जानकार था, शिव जी का परम भक्त था, बहुत शक्तिशाली था और वह अंहकारी भी था। खुद को सिर्फ सर्वश्रेष्ठ समझता था। रावण में महिलाओं का सम्मान नहीं करता था। एक शाप की वजह से रावण ने सीता को महल में नहीं, बल्कि अशोक वाटिका में रखा था। जानिए रामायण की 5 खास बातें…

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एक शाप के कारण रावण ने सीता को नहीं रखा महल में

1. रावण महिलाओं का सम्मान नहीं करता था, वह महिलाओं को सिर्फ भोग-विलास की चीज मानता था। रावण ने एक दिन जब अप्सरा रंभा को देखा तो वह रंभा पर मोहित हो गया। रावण ने रंभा के साथ अपने बल का प्रयोग किया। बाद में जब रंभा ने नलकुबेर को यह बात बताई तो नलकुबेर ने रावण को शाप दिया था कि अब से रावण जब किसी भी महिला को उसकी इच्छा के बिना स्पर्श करेगा या अपने में महल में जबरन रखेगा तो वह भस्म हो जाएगा। इस कारण रावण ने सीता को अपने महल में नहीं, बल्कि अशोक वाटिका में रखा। नलकुबेर रावण के भाई कुबेर देव का पुत्र था।

2. रावण ने मंदोदरी का उड़ाया था मजाक

श्रीराम वानर सेना के साथ लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी समझ गई कि रावण की हार तय है। मंदोदरी ने रावण को समझाया कि वह श्रीराम से युद्ध न करें और सीता को लौटा दें।

मंदोदरी ने कई बार रावण को समझाने की कोशिश की, लेकिन रावण ने मंदोदरी का अपमान करते हुए कहा कि तुम मेरे सामने मेरे शत्रु को श्रेष्ठ बता रही हो, मुझे डराने की कोशिश कर रही है, सभी नारियों का ऐसा ही स्वभाव होता है।

रावण ने मंदोदरी की सही सलाह नहीं मानी और घमंड की वजह से अपने पूरे वंश के नष्ट होने का कारण बना।

3. एक साथ 31 बाण छोड़े थे श्रीराम ने, तब मरा रावण

राम-रावण युद्ध में श्रीराम ने रावण को एक साथ 31 बाण मारे थे। 1 बाण रावण की नाभि में मारा, 10 बाण से 10 सिर, 20 बाणों से उसके 20 हाथ धड़ से अलग हो गए। इस तरह रावण का वध हो गया था।

4. रावण की मौत से दुखी थे विभीषण

श्रीराम ने रावण को मार दिया तो विभीषण बहुत दुखी हो गए थे। तब श्रीराम ने लक्ष्मण को भेजा ताकि वे विभीषण को समझा सके। लक्ष्मण के समझाने पर विभीषण का दुख शांत हुआ। बाद में विभीषण ने रावण का अंतिम संस्कार किया। उस समय श्रीराम का वनवास चल रहा था, इस वजह से उन्होंने लंका नगर में प्रवेश नहीं किया था। श्रीराम ने लक्ष्मण, हनुमान जी, सुग्रीव, अंगद, नल, नील, जाम्बवान् आदि से कहकर विभीषण का राजतिलक करवा दिया था।

5. माता सीता के लेने गए थे हनुमान

विभीषण का राजतिलक हो गया था। उसके बाद हनुमान जी देवी सीता को अशोक वाटिका से श्रीराम के पास लेकर आए थे। इसके बाद श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान जी, सुग्रीव, अंगद, विभीषण आदि पुष्पक विमान से अयोध्या की ओर निकल गए थे।

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