एक बार देवता, दानव और मनुष्य ने ब्रह्मा जी से कहा, हमें एक ऐसा उपदेश दें, जिससे हमारा कल्याण हो जाए, ब्रह्मा जी देवता, दानव और मनुष्य तीनों को…….

सही सलाह किसी का भी जीवन बदल सकती है। इसलिए किसी को सलाह देनी हो तो बहुत सोच-समझकर देनी चाहिए। सलाह देते समय सामने वाले व्यक्ति की अच्छी-बुरी हर एक बात पर गौर करना चाहिए, तभी उसके लिए जो सही हो, वह सलाह दें।

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ये बात ब्रह्मा जी से जुड़ी एक चर्चित कथा से समझ सकते हैं। एक दिन देवता, दानव और मनुष्य ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और तीनों ने एक साथ कहा कि उन्हें कोई एक ऐसा उपदेश दें, जिससे हमारा कल्याण हो जाए।

ब्रह्मा जी देवता, दानव और मनुष्य तीनों को बहुत अच्छी तरह जानते थे। इन तीनों की अच्छी-बुरी बातें समझकर उन्होंने तीनों को एक शब्द द दिया था। शब्द एक था, लेकिन तीनों के लिए इस शब्द का मतलब अलग-अलग था।

सबसे पहले ब्रह्मा जी ने देवताओं से कहा, ‘सभी देवता भोग-विलास में डूबे रहते हैं। इसलिए आप लोगों के लिए मेरी सलाह है दमन करें। आपको अपनी इंद्रियों पर और अपनी इच्छाओं का दमन करना चाहिए यानी इन पर नियंत्रण रखना चाहिए।’

दूसरे नंबर पर ब्रह्मा जी मनुष्यों के पास पहुंचे। भगवान ने इंसानों से कहा, ‘आप लोग दान करने में कभी भी पीछे न हटें। आपके लिए सबसे बड़े सौभाग्य की बात ये है कि आप सेवा कर सकते हैं। दान और सेवा ही इंसानों का धर्म है।

अंत में ब्रह्मा जी दानवों के पास गए। ब्रह्मा जी बोले, ‘दानव सबसे ज्यादा हिंसा करते हैं। लड़ाई-झगड़ा करते रहना ही इनका स्वभाव है। इसलिए आप लोगों के लिए दया करना सबसे ज्यादा जरूरी है। आप लोग दूसरों पर दया करें। कभी भी किसी प्राणी को मारे नहीं।

ब्रह्मा जी के इस किस्से से हमें सीख मिल रही है कि हमें जब भी किसी व्यक्ति को सलाह देनी हो तो हमें उसके बारे अच्छी-बुरी सारी बातें मालूम कर लेनी चाहिए। जब हम किसी व्यक्ति को अच्छी तरह समझकर सलाह देते हैं तो वह सलाह उसका जीवन बदलने की क्षमता रखती है।

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