भारत नही बल्कि बैंकॉक में है मरियम्मा देवी का भव्य मंदिर, गैर बौद्ध मंदिरों में ये सबसे बड़ा मंदिर है, जानिए
भारत में तो कई मंदिर मौजूद हैं जहां लोग विदेशों से भी दर्शन करने आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं को विदेशों में भी कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं और आकर्षक का केंद्र है। ऐसा ही एक मंदिर थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में मौजूद है। अगर आप हाल फिलहाल में बैंकॉक घूमने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यहां आप मामरियम्मन मंदिर के दर्शन जरूर करें। यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है। आइए जानते हैं बैंकॉक में मौजूद श्री महा मरियम्मन मंदिर के बारे में।
जानें श्री महा मरियम्मन मंदिर के बारे में:
बैंकॉक में स्थित श्री महा मरियम्मन मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है। यह वहां स्थित गैर बौद्ध मंदिरों में सबसे बड़ा एक मंदिर है। इस मंदिर को उमा देवी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर दक्षिणी भारत में वर्षा की देवी मरियम्मन देवी को समर्पित है। इन देवी के ज्यादातर भक्त तमिल के रहने वाले हैं। देवी पार्वती और दुर्गा का रूप ही मरियम्मा देवी हैं। श्री महा मरियम्मन मंदिर में गणेश जी और उनके भाई कार्तिकेय का भी मंदिर स्थित है।
श्री महा मरियम्मन मंदिर का इतिहास:
सन् 1858 में भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेश बनने के बाद दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के कई लोगों ने अपने देश को छोड़ना पसंद किया। भारतीयों का एक ऐसा समूह बैंकॉक में आया। इनमें कई रत्न व्यापारी या पशुपालक भी थे। भारतीयों के इस समूह का एक नेता वैथी पडैचची था जिन्होंने यहां आने के लगभग एक दशक बाद इस मंदिर का निर्माण किया था और सिलोम की एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया है जिसे सोई वैती कहा जाता है। इसी अंग्रेजी में विथी लेन कहा जाता है।
श्री महा मरियम्मन मंदिर की अन्य बातें:
मंदिर का मुख्य हिस्सा विभिन्न आकारों से बना है। इन आकारों में विभिन्न देवी-देवताओं की नक्काशीदार छवियों के साथ अलग-अलग रंगों के साथ दिखाया गया है। मंदिर परिसर का मुख्य मंदिर एक गुंबद है। इसमें सोने का पानी चढ़ाया गया है। मंदिर परिसर के अंदर गणेश, कार्तिक और श्री महा मरियम्मन तीन मंदिर स्थापित हैं। मंदिर के मुख्य हॉल को गणेश, शिव, कृष्ण, विष्णु, लक्ष्मी, कार्तिक, मरिअम्मन, काली, सरस्वती, और नटराज के साथ शिवक, हनुमान के साथ हिंदू धर्म में कांसे की मूर्ति को स्थापित किया गया है।