घुष्मा नितदिन भगवान शिव के 101 पार्थिव शिवलिंग बनाकर, उनकी पूजा करती थी और पूजा के उपरांत ने उन्हें तालाब में विसर्जित कर देती थी, जिसके कारण…….
शिव पुराण में भी भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंग के विषय में विस्तार से बताया गया है। इन सभी में से अंतिम ज्योतिर्लिंग अर्थात घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी पौराणिक कथा और महत्व।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग पौराणिक कथा (Grishneshwar Jyotirlinga Katha in Hindi)
किवदंतियों के अनुसार देवगिरी पर्वत के पास सुधर्मा नामक ब्राह्मण अपनी पत्नी सुदेहा के साथ रहता था। उन दोनों को एक भी संतान नहीं था, जिसके कारण सुदेहा ने अपने पति का विवाह छोटी बहन घुष्मा से करवा दिया जो भगवान शिव की परम भक्त थी। घुष्मा नितदिन भगवान शिव के 101 पार्थिव शिवलिंग बनाकर, उनकी पूजा करती थी और पूजा के उपरांत ने उन्हें तालाब में विसर्जित कर देती थी। जिसके कारण भगवान शिव की कृपा से उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई। कुछ समय बाद छोटी बहन घुष्मा की खुशी सुदेहा से देखी नहीं जा रही थी और उसमें ईर्ष्या की भावना उत्पन्न होने लगी. ईर्ष्या के कारण सुदेहा ने अपनी छोटी बहन के बेटे को तालाब में फेंक दिया, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। इससे पूरे परिवार पर दुख के बादल मंडराने लगा। लेकिन घुष्मा को भगवान शिव पर पूर्णतः विश्वास था कि वह उसके पुत्र को वापस लेकर आएंगे। इसी विश्वास से वह हर दिन भगवान शिव की आराधना में लीन रहने लगी।
घुष्मा की भक्ति को देखकर भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न हुए और उसके बेटे को जीवनदान दिया। अपने मृत पुत्र को जीवित वापस आता देख वह अत्यंत प्रसन्न हुई। उसी समय भगवान शिव भी प्रकट हुए और बड़ी बहन सुदेहा पर अत्यंत क्रोधित हुए और उसे दंड देना चाहा। लेकिन छोटी बहन ने महादेव से ऐसा न करने की विनती की। बता दें कि आज भी घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के समीप एक तालाब है जिसे शिवालय के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इसी शिवालय में रात्रि के समय भगवान शिव वास करते हैं। इस तालाब के दर्शन सभी शिवभक्त पूर्ण भक्ति भाव से करते हैं।
गणेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन महत्त्व
आदि गुरु शंकराचार्य ने बताया था कि घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम स्मरण करने मात्र से ही व्यक्ति को सभी रोग एवं दोष से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही वह सभी पापों से भी मुक्त हो जाता है।