पति दिनभर काम करके जब घर वापस आया तो पत्नी ने उसे खाने में जली हुई रोटी-सब्जी दी, उसके बेटे ने जब ये सबकुछ देखा तो………
एक रात पति दिनभर काम करके घर लौटा। पत्नी ने उसे खाने के लिए रोटी-सब्जी दी। लेकिन उसके बेटे ने देखा की रोटियां जली हुई थीं। बच्चा यह सोचने लगा कि आखिर इन जली हुई रोटियों पर किसी का ध्यान गया या नहीं। उसके पिता ने वह रोटियां बिना कुछ कहे ही प्रेम से खा लीं।
पति जब दिनभर काम करने के बाद घर वापस आया तो पत्नी ने खाने के लिए उसे दी जली हुई रोटियां, उसका बेटा यह सब देख रहा था, खाना खाने के बाद बेटे ने पिता से पूछा कि क्या आपको जली हुई रोटियां इतनी
फिर उसने अपने बेटे से पूछा- बेटा आज स्कूल का दिन कैसा रहा। जब पत्नी का ध्यान जली हुई रोटियों पर गया तो उसने देखा की रोटियां जली हुई हैं। उसने अपने पति से माफी मांगी तो पति ने हंसते हुए कहा- तुम चिंता मत करो, मुझे जली हुई रोटियां भी पसंद हैं।
खाना खाने के बाद उनके बच्चे ने अपने पिता से पूछा- क्या पिताजी सच में आपको जली हुई रोटी अच्छी लगती है, तो पिता ने बेटे को जवाब दिया कि मुझे जली हुई रोटियां पसंद नहीं हैं। लेकिन एक जली हुई रोटी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकती। अगर हम कुछ कड़वे शब्द बोलते हैं तो उससे सब कुछ बिगड़ सकता है। इसलिए मैंने चुपचाप जली हुई रोटियां खा लीं।
कथा की सीख
यह कहानी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार बच्चों को सुनाई थी। इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि पति-पत्नी को एक-दूसरे के काम का सम्मान करना चाहिए। पति दिनभर घर के बाहर काम करता है और पत्नी पूरा घर संभालती है। पति को भी समझना चाहिए कि घर के कामों में भी काफी मेहनत लगती है।