एक बार एक व्यक्ति ने विवेकानंद जी से सवाल पूछा कि आखिर इस दुनिया में सबसे ज्यादा महत्व माता को ही क्यों दिया जाता है, स्वामी जी ने उस व्यक्ति की……

स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े कई सारे प्रसंग प्रचलित है। इन प्रसंगों में सुखी जीवन और सफल होने के सूत्र छुपे हुए हैं। हम आपको ऐसे ही प्रेरक प्रसंग के बारे में बताने जा रहे हैं।

किसी व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद से सवाल किया कि सबसे ज्यादा अधिक महत्व इस संसार में माता को क्यों मिलता है। स्वामी विवेकानंद ने मुस्कुराकर उस व्यक्ति को बताया कि तुम घर जाकर सबसे पहले 5 किलो का पत्थर उठाओ और एक कपड़े में लपेटकर कमर पर बांध लो। इसके बाद तुम मुझसे यहां पर मिलने आना। मैं तुम्हारे सवाल का जवाब दे दूंगा।

स्वामी विवेकानंद जी से एक बार एक व्यक्ति ने पूछा कि स्वामी जी आखिर इस संसार में सबसे ज्यादा माता को ही क्यों महत्व दिया जाता है, स्वामी जी उस व्यक्ति की बातों को सुनकर मुस्कुराकर बोले कि पहले तुम 5 किलो

उस व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद की आज्ञा का पालन कर लिया। वह घर गया और अपनी कमर पर पत्थर बांध लिया। थोड़े समय बाद वह लौटकर स्वामी विवेकानंद के पास आया। उस व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद से कहा कि मैंने आप से छोटा सा सवाल पूछा। लेकिन आपने मुझे इतनी बड़ी सजा दी।

स्वामी विवेकानंद ने कहा कि तुम थोड़ा-सा बोझ कुछ समय के लिए नहीं उठा सके। लेकिन एक मां पूरे 9 महीने तक अपने गर्भ में बच्चे को रखती है। इतना ही नहीं वे पूरे घर का काम भी संभालती है। वह अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटती है। चाहे कितनी भी थकान हो जाए वो काम करती रहती है। मां हर परेशानी सहन कर लेती है। इसी कारण संसार में मां को सबसे महान माना जाता है।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि हर किसी को अपनी मां का सम्मान करना चाहिए। इतना ही नहीं सभी महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। स्त्रियों की पूजा करनी चाहिए।

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