आखिर हमारे दिमाग में अच्छी यादों से ज्यादा बुरी यादें क्यों चलती हैं, क्या कभी आपने सोचा
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि कंप्यूटर की हार्डडिस्क मनुष्य के दिमाग को देख कर बनाई गई है। जिस तरह कंप्यूटर की हार्डडिस्क में C-D-E कई पार्ट बनाए जा सकते हैंउसी प्रकार दिमाग में कई पार्ट होते हैं लेकिन एक चौकाने वाली बात यह है कि दिमाग में बुरी यादों को स्टोरेज ज्यादा होता है। जबकि अच्छी यादों का बहुत कम होता है तो आइए जानते हैं कि आखिरकार ऐसा क्यों होता है।
जब आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हो तो आपका दिमाग स्टैंडबाई मोड में चला जाता है। और अधिकतर हर तरह की मेमोरीज को इकठ्ठा करना शुरू कर देता है बिना बुरी और अच्छी यादों को अलग किए हुए। ठीक से नींद ना लेना ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है मान लीजिए कि ऑफिस में आपका किसी के साथ झगड़ा हो गया है। आपको एक अहम प्रोजेक्ट भी खत्म करना है। तो आपका दिमाग प्रोजेक्ट के बजाय और तुम ऑफिस में हुई लड़ाई के बारे में सोचने लगेगा।
लेकिन अगर आपने रात में आराम कर लिया है तो आपकी अच्छी और बुरी मेमोरी में फर्क कर पाएंगे।और खराब यादों को सिस्टम से बाहर फेंक देंगी। यही नहीं, आपके दिमाग में खुद पूरी क्लीनिंग प्रोसेस हो जाती है। जब आप रात्रि में विश्राम करते हैं तो दिमाग की कोशिकाएं करीब 60 फीसदी तक सिकुड़ जाती हैं ताकि यह सेल्स कोशिकाओं के लिए शेष बना सके और आपके दिमाग का कचरा बाहर निकाल सकें।
Glial cell को Glia या Neuroglia ( न्यूरोगलिया) भी कहा जाता है। यह नर्वस सेल का सहारा सुरक्षा प्रदान करते हैं और सामान्य व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करते हैं। मानव शरीर की सबसे लंबी कोशिका तंत्र कोशिका कोशिका या न्यूरॉन है। इसी कारण दिमाग का इलाज करने वाले डॉक्टरों को न्यूरोलॉजिस्ट कहा जाता है।
दिमाग को ठीक रखने के लिए कोई दवाई नहीं आती बल्कि क्लीनिंग के लिए क्लीनर नहीं आता। कोई एंटीवायरस नहीं जो आपके दिमाग से वायरस खत्म कर सकें। केवल एक तरीका है दिमाग का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कीजिए यदि आप दिन में 4 घंटे ऐसा काम करते हैं जबकि दिमाग का ज्यादा उपयोग किया गया है तो यकीन मानिए आपका दिमाग पूरी घटनाओं को फोटो सेव करना अपने आप ही बंद कर देगा