आखिर क्यों नही होते हैं गाय के ऊपर वाले दांत, जानिए 

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि यह इकलौती ऐसी चीज है। जो मनुष्य के लिए सभी प्रकार से बेहद कारगर है। इसलिए भगवान कृष्ण ने गाय को माता का दर्जा दिया है। गाय को देव तुल्य बनाया है। भारत के ज्यादातर राज्यों में बच्चा अपनी जिंदगी का सबसे पहला निबंध ‘गाय का निबंध’ लिखता है। गाय के बारे में हम सभी लोग बहुत कुछ जानते हैं। लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि गाय के ऊपर वाले दांत नहीं होते। जी हां सवाल अब यह है कि आखिरकार गाय ऊपर वाले दांत क्यों नहीं होते हैं।

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जीव विज्ञान के मुताबिक,गाय एक पूर्ण शाकाहारी, कशेरुकी तथा स्तनपाई जानवर है। गाय की फैमिली का नाम Bovidae है। इस फैमिली में सभी जीव शाकाहारी है। भैंस बकरी और भेड़ आदि सब इसी परिवार का सदस्य हैं। यानी गाय के यह सभी लोग रिश्तेदार हैं। गाय का वैज्ञानिक नाम बॉस टोरस है सामान्यता गाय का जीवनकाल 12 से 20 साल का होता है इसमें जटिल पाचन तंत्र भी पाया जाता है।

गाय के दांत मुंह के केवल निचले जबड़े में पाए जाते हैं। जबकि ऊपरी जबड़े में इसके स्थान पर एक डेंटल पैड पाया जाता है। जो बेहद कठोर प्लेट जैसी रचना है। जो भोजन को चबाने के काम आती है। परंतु दातों के इस प्रकार के पाए जाने का सीधा संबंध गाय के पाचन तंत्र से है। क्योंकि गाय में एक जटिल पाचन तंत्र होता है। आपने देखा होगा कि गाय को जब हम खाने को देते हैं तो वह खाती जाती है। खाती जाती है। क्योंकि गाय एक जुगाली करने वाला जानवर है। जिसके आमाशय में चार हिस्से होते है। साधारण भाषा में कहें तो चार पेट पाए जाते हैं। गाय के पाचन तंत्र में एक बार भोजन अंदर जाने के बाद फिर वापस मुंह में आता है। जिसको बाद में बैठकर चबाती रहती है यानी की जुगाली करती रहती है। ऊपर के जबड़े में स्थित डेंटल पर जुगाली करने में काफी ज्यादा सहायक होते हैं।

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