संत तुकाराम का एक शिष्य था, जोकि क्रोधी स्वभाव का था, बात-बात पर उसे गुस्सा आ जाता था, एक दिन उसने अपने गुरु से कहा कि गुरु जी आप………
संत तुकाराम ने सुखी जीवन जीने के कई सूत्र बताए, जिनको अगर आप अपने जीवन में धारण करते हैं तो आपकी सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी. संत तुकाराम के जीवन से जुड़ा एक ऐसा प्रसंग है, जिससे आपको बहुत बड़ी सीख मिलती है.
प्रसंग के मुताबिक, संत तुकाराम के कई शिष्य थे जिनमें से एक शिष्य बहुत ही क्रोधी स्वभाव का था. वह बात-बात पर गुस्सा करने लगता था. एक दिन उसने अपने गुरु से पूछा कि गुरु जी आप हमेशा शांत रहते हैं. कभी किसी पर गुस्सा नहीं करते. कृपया मुझे बताएं कि मैं आपकी तरह कैसे बन सकता हूं.
संत तुकाराम ने कहा कि तुम्हारा स्वभाव अब बदल पाना मुश्किल है, क्योंकि तुम्हारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है. तुम्हारी 1 सप्ताह में मृत्यु हो जाएगी. यह बात सुनते ही संत तुकाराम का शिष्य उदास हो गया. उसे अपने गुरु की वाणी पर भरोसा था. इसलिए उसने उनकी इस बात पर विश्वास कर लिया. उस दिन से उस शिष्य का सवाब बिल्कुल बदल गया है.
वह किसी पर क्रोध नहीं करता, बल्कि सभी के साथ प्रेम भाव से रहता. शिष्य सोच रहा था कि जब कुछ ही दिन जीना है तो सभी के साथ प्रेम से रहना ही सही होगा. वह पूजा-पाठ करने लगा और उसने जिन लोगों के साथ गलत व्यवहार किया, उनसे क्षमा भी मांगी. इसी तरह पूरा सप्ताह खत्म होने वाला था. अंतिम दिन उसने सोचा कि मैं अपने गुरु का आशीर्वाद ले लेता हूं.
शिष्य गुरु के पास पहुंचा तो तुकाराम ने उससे पूछा- तुम्हारा यह सप्ताह कैसा व्यतीत हुआ. क्या तुमने किसी पर क्रोध किया. शिष्य ने जवाब देते हुए कहा- नहीं गुरु जी, मैंने इस सप्ताह सभी के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार किया. मेरे पास समय कम है. इसीलिए मैं सभी के साथ अच्छी तरह व्यवहार कर रहा हूं. मैंने जिन लोगों को दुख पहुंचाया, उनसे माफी भी मांग ली.
संत तुकाराम ने अपने शिष्य को कहा कि यही अच्छा स्वभाव बनाने का रास्ता है. जब मुझे पता है कि मेरी मृत्यु किसी भी समय हो सकती है तो मैं सभी के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करता हूं. किसी पर क्रोध नहीं करता. शिष्य संत तुकाराम की बात को समझ गया कि उन्होंने उसे यह सीख देने के लिए मृत्यु का डर दिखाया. इसके बाद शिष्य का व्यवहार पूरी तरह से बदल गया