एक बार गौतम बुद्ध को किसी गांव में उपदेश देने के लिए जाना था, उनके साथ उनके शिष्य भी थे, रास्ते में उन्हें एक खेत में बहुत सारे गड्ढे दिखाई…….
गौतम बुद्ध से जुड़ा किस्सा है। बुद्ध अपने शिष्यों के साथ यात्राएं करते रहते थे। कभी-कभी वे कुछ जगहों ठहर भी जाते थे। बुद्ध आसपास की घटनाओं से शिष्यों को जीवन प्रबंधन के सूत्र बताते रहते थे। एक दिन बुद्ध शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे। उन्हें किसी गांव में उपदेश देने जाना था। रास्ते में उन्हें एक खेत में बहुत सारे गड्ढे दिखाई दिए। कुछ गड्ढे ज्यादा गहरे थे तो कुछ कम गहरे थे। गड्ढों को देखकर शिष्यों ने विचार किया कि ये एक खेत में इतने सारे गड्ढे किसी ने क्यों खोदे हैं?
शिष्य आपस में इस विषय पर बात कर रहे थे, लेकिन किसी को भी इस प्रश्न का उत्तर समझ नहीं आया। तब सभी ने इस संबंध में बुद्ध से बात की।
बुद्ध ने सभी गड्ढों को देखा और शिष्यों से कहा कि ये सभी गड्ढे पानी के लिए खोदे गए हैं। जिस व्यक्ति ने ये गड्ढे खोदे हैं, उसमें धैर्य की कमी है। उसने एक गड्ढा खोदना शुरू किया, थोड़ा खोदने के बाद पानी नहीं निकला तो उसने दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर दिया। इसी तरह उसने पूरे खेत में गड्ढे खोद दिए।
बुद्ध ने शिष्यों को आगे समझाया कि अगर वह व्यक्ति धैर्य के साथ एक ही जगह पर गड्ढा खोद रहता तो शायद उसे पानी जल्दी मिल जाता। हमें भी किसी काम में सफलता चाहिए तो कड़ी मेहनत करें, लेकिन धैर्य भी बनाए रखना चाहिए। कुछ काम ऐसे होते हैं, जिनमें सफलता थोड़े समय के बाद ही मिल पाती है। ऐसी स्थिति में धैर्य होना बहुत जरूरी है। वर्ना हम इस व्यक्ति की तरह छोटे-छोटे प्रयास करते रहेंगे और किसी भी प्रयास में सफलता नहीं मिलेगी।
जीवन प्रबंधन
कड़ी मेहनत के साथ ही स्वभाव में धैर्य भी होगा तो सफलता मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। धैर्य की वजह से मुश्किल समय में हमारा साहस बना रहता है और हम असफल होने के बाद भी दोबारा प्रयास करने के लिए तैयार हो जाते हैं।