एक राजा को राज दरबार के लिए ज्योतिषी की आवश्यकता थी, उसने राज्य में घोषणा करवा दी, घोषणा सुनकर राज्य के बड़े-बड़े ज्योतिषी राज दरबार पहुंचे, ज्योतिषियों से राजा ने…..
जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल करना चाहते हैं तो पढ़ाई के साथ-साथ अभ्यास पर भी ध्यान देना चाहिए। लगातार अभ्यास करते रहने से किसी भी काम में पारंगत हो सकते हैं और मुश्किल कामों में भी सफलता हासिल की जा सकती है। ये बात एक लोक कथा से समझ सकते हैं।
लोक कथा के मुताबिक पुराने समय में एक राजा ने अपने राज्य में घोषणा की कि राज दरबार में एक राज ज्योतिषी की जरूरत है।
राजा की घोषणा सुनकर राज्य के बड़े-बड़े ज्योतिषी राज दरबार पहुंच गए। ज्योतिषियों से राजा खुद बात कर रहे थे।
राजा ने ज्योतिषियों की परीक्षा लेने के लिए सभी से कई तरह के प्रश्न पूछे। राजा ने एक प्रश्न ये पूछा कि ज्योतिष में भविष्यवाणी किस आधार पर की जाती है?
किसी ज्योतिषी ने नक्षत्र के आधार पर, किसी ने कहा कि ग्रहों के आधार पर, किसी ने कहा कि ये सब गणित है, किसी कहा कि हस्तरेखा ज्योतिष से सबसे सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।
ज्योतिषियों की बातें राजा ने ध्यान से सुनी, लेकिन वह किसी से भी संतुष्ट नहीं हुआ। राजा को इस दौरान ध्यान आया कि उसके राज्य का एक ज्योतिषी नहीं आया है। राजा उस ज्योतिषी को अच्छी तरह जानते थे।
राजा ने तुरंत ही अपने सेवकों को अनुपस्थित ज्योतिषी के पास भेज दिया और उसे बुलवाया।
जब वह ज्योतिषी राज दरबार में आया तो राजा ने उससे पूछा कि क्या आपने मेरी राज ज्योतिषी की आवश्यकता वाली घोषणा नहीं सुनी थी?
ज्योतिषी ने कहा कि मैंने वह घोषणा सुनी थी।
राजा ने उससे फिर पूछा कि जब आपने घोषणा सुनी थी तो दरबार में आए क्यों नहीं? आप भी तो ज्योतिषी हैं।
उस ज्योतिषी ने कहा कि मैं भविष्य देख सकता हूं और मैं जानता हूं कि मैं इस राज्य का राज ज्योतिषी बनूंगा।
ये बात सुनकर राजा चौंक गया। राजा ने उससे कहा कि लेकिन आप तो यहां परीक्षा देने आए ही नहीं, फिर कैसे राज ज्योतिषी बनेंगे।
ज्योतिषी ने कहा कि मेरी कुंडली में तो राज ज्योतिषी बनने के योग हैं।
राजा को ज्योतिषी की बात से हैरानी हुई, लेकिन वह उस ज्योतिषी का आत्मविश्वास देखकर खुश हो गया। उसने पूछा कि आपको इतना विश्वास कैसे है कि मैं आपको राज ज्योतिषी बना दूंगा?
ज्योतिषी ने कहा कि ज्योतिष के विज्ञान है, इसका निरंतर अभ्यास करते रहने से ही भविष्य को समझना संभव हो सकता है। मैं ज्योतिष की पढ़ाई के साथ-साथ इसका लगातार अभ्यास भी करता हूं, जिससे मैं छोटी-बड़ी हर बात आसानी से समझ जाता हूं। मैंने मेरी कुंडली का गहराई से परीक्षण किया और मैं समझ गया था कि मैं ही राज ज्योतिषी की उपाधि प्राप्त करूंगा।
राजा उस ज्योतिषी से बहुत प्रभावित हुए और उसे राज ज्योतिषी घोषित कर दिया।
सफलता का सूत्र
इस कथा का संदेश ये है कि जो लोग पढ़ाई के साथ लगातार अभ्यास भी करते हैं, उन्हें बड़ी उपलब्धियां जरूर मिलती हैं। सिर्फ पढ़ाई करने से सफलता हासिल नहीं की जा सकती है, अभ्यास करना भी जरूरी है।