एक गांव में एक किसान अपनी बेटी के साथ छोटी सी कुटिया में रहता था, उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, एक दिन उसे राजा के खेत से सोने की ओखली………..
एक किसान अपनी बेटी के साथ एक गांव में छोटी सी कुटिया में रहता था। उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वह बहुत मेहनत करता, लेकिन उस पर्याप्त धन नहीं मिल पा रहा था। वह अपनी समस्या लेकर राजा के पास पहुंचा। राजा ने उसे अपने खेत में काम करने के लिए नियुक्त कर दिया।
अब वह किसान राजा के खेत में मजदूरी कर रहा था। किसान के साथ उसकी बेटी भी रहती थी। एक दिन लड़की खेत के बाहर एक पेड़ के नीचे खेल रही थी। किसान हल चला रहा था। तभी अचानक उसके हल से जमीन में कुछ टकराया।
किसान उस जगह पर गड्ढा खोदा तो उसमें से सोने की एक ओखली निकली। ओखली लेकर किसान उसकी बेटी के पास पहुंचा। उसने बेटी से कहा कि ये ओखली राजा के खेत से मिली है तो हमें इसे राजा को दे देना चाहिए। किसान की बेटी बहुत बुद्धिमान थी, उसने कहा कि अगर आप ऐसा करेंगे तो राजा आपकी बात पर भरोसा नहीं करेंगे। राजा आपसे इसकी सोने की मूसल भी मांगेंगे तो क्या करेंगे?
किसान ईमानदार था। उसने कहा कि जो चीज हमें मिली ही नहीं है, वह राजा कैसा मांग सकते हैं? किसान राजा के पास पहुंचा और सोने की ओखली दे दी। राजा को लगा कि ओखली मिली है तो इसकी मूसल भी मिली होगी। लेकिन, किसान ने लालच की वजह से मूसल खुद के पास ही रख ली है। राजा ने मूसल मांगी तो किसान ने कहा कि उसे सिर्फ ओखली मिली है।
राजा ने किसान की बात पर भरोसा नहीं किया और उसे कारागार में डाल दिया। किसान को बेटी की बात न मानने का पछतावा हो रहा था। कारागार में उसे ठीक से खाना नहीं मिलता था। कुछ ही दिन में वह बहुत कमजोर हो गया। किसान कारागार में दिनभर एक ही बात बोलते रहता था कि बेटी की बात मान लेता तो सुखी रहता। जब ये बात राजा को मालूम हुई तो उसने किसान को बुलवाया और पूरी बात पूछी।
किसान ने राजा से कहा कि मुझे मेरी बेटी ने मना किया था कि मैं ओखली राजा को न दूं। राजा इसकी मुसल भी मांगेगे। लेकिन, मैंने उसकी बात नहीं मानी और ओखली आपको दे दी। इसका नतीजा ये हुआ कि मुझे कारागार में रहना पड़ रहा है। अगर मैं मेरी बेटी की बात मान लेता और ओखली खुद ही रख लेता तो आज सुखी होता।
राजा ने किसान की बेटी को बुलवाया तो उसने भी यही बात कही। राजा किसान की बात पर भरोसा हो गया। किसान की बेटी की बुद्धिमानी से खुश होकर राजा ने उसे अपने यहां कोषाध्यक्ष नियुक्त कर दिया। अब किसान और उसकी बेटी के पास रहने के लिए महल था। खाने के लिए कई तरह के पकवान थे। दोनों का जीवन पूरी तरह बदल चुका था।
इस कथा की सीख यह है कि सही तरीके से काम करने पर परेशानियां आती हैं, लेकिन बाद में सब ठीक हो जाता है। इसीलिए गलत काम से बचना चाहिए।