इस जगह निभाई जाती है बड़ी अनोखी परंपरा, दुल्हन के सिर पर थूक कर दिया जाता है आशीर्वाद, नहीं तो बन जाएगी पत्थर की मूरत!
तेजी से बदल रही इस दुनिया में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आज के आधुनिक युग में लोगअपनी रीति-रिवाज और परंपराओं को भूलने लगे हैं। लेकिन बदलती दुनिया में भी कई ऐसे लोग हैं, जो अपनी पुरानी परंपराओं को बचाए हुए हैं या यूं कहे कि आज भी वह अपनी परंपरा का पालन कर रहे हैं। आदिवासी समाज के लोग दुनियाभर में अपने रीति-रिवाजों को लेकर चर्चाओं में बने रहते हैं। इस समाज के लोग आज भी अपनी हजारों साल पुरानी पंरपरा को निभा रहे हैं। दुनियाभर के अलग-अलग देशों में कई जनजातियां रहती हैं, जो अपने खान-पान, रहन-सहन और रीति-रिवाजों की वजह से पहचानी जाती हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रीति रिवाज को जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
बता दें कि, इस जनजाति में किसी भी लड़की की शादी होती है तो उसे अजीब तरह से आशीर्वाद दिया जाता है। जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। इस जनजाति के लोग दुल्हन के सिर पर थूक कर आशीर्वाद देते हैं। जिसे वह पुण्य का काम मानते हैं और सदियों पुरानी परंपरा का चलन भी निभाने का काम करते हैं।
इस परंपरा को केन्या और तंजानिया के लोग निभाते हैं। इस जनजाति के लोगों को मसाई नाम से जाना जाता है। ऍइस जनजाति की लड़कियों की शादी के बाद विदा करते समय पिता दुल्हन के सिर और ब्रेस्ट पर थूकता है। बताया जाता है कि मसाई समाज में इस अजीबोगरीब तरीके को प्यार जताने का और आशीर्वाद देने का तरीका माना जाता है। यह परंपरा इस समाज में सदियों से चली आ रही है। लेकिन यह परंपरा यही समाप्त नहीं होती है। ब्लकि जनजाति में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि दुल्हन की शादी होने के बाद उसका सिर भी मुड़वा दिया जाता है। इसके बाद दुल्हन अपने परिवार वाले और अपने पिता के समाने घुटने टेक कर आशीर्वाद लेती है। इसी दौरान आशीर्वाद देते हुए पिता और घर के बुजुर्ग एक बार फिर दुल्हन के सिर और ब्रेस्ट पर थूकते हैं। इस परंपरा को दुल्हन के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस जनजाति के बच्चों के लिए भी इसी पंरपरा का पालन किया जाता है।
हालंकि थूकने का रिवाज कुछ लोगों को अलग लग सकता है। लेकिन मसाई समुदाय के लिए यह सम्मान की बात है। माना जाता है कि इस जनजाति में कोई भी मेहमान आता है तो उसके सम्मान में यह लोग हथेली पर थूकते हैं। इस परंपरा के लोगों का कहना है कि शादी के बाद दुल्हन पीछे मुड़कर नहीं देखती है, अगर वह इस पंरपरा को नहीं मानती है तो वह पत्थर की मूरत बन जाएगी।