दुनिया का एक ऐसा डरावना आइलैंड जहां एक साथ जला दिए गए थे 1,60,000 लोग
दुनिया में कई सारे डरावने और रहस्यों से भरे स्थान हैं। ऐसी कई अजीबो- गरीब जगहों के बारे में हमने सिर्फ सुना है, जिनके रहस्यों से वैज्ञानिक भी आज तक पर्दा नहीं उठा पाए हैं। ऐसे स्थानों में कई सारे एतिहासिक मंदिर, गुफा, रहस्यमयी द्वीप शामिल हैं जिनसे जुड़ी हुई कई सारी सच्चाई या यूं कहें कि कहानियां हैं। कई जगह तो इतनी खतरनाक हैं, जिनके बारे में जानकर आपकी रूह कांप उठेगी। इन्हीं में से एक है इटली के वेनिस शहर और लिडो के बीच वेनिशियन खाड़ी में स्थित द्वीप। जहां पर जाने वाला कभी वापस लौट कर नहीं आया।
इस द्वीप की गिनती दुनिया के सबसे डरावने आईलैंड में होती है। इस द्वीप पर अक्सर रहस्यमयी घटनाएं घटती होती हैं जिसके कारण यह द्वीप वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है। इस द्वीप की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यहां पर जाने वाला इंसान फिर कभी वापस नहीं लौटा। इसलिए यहां की सरकार ने यहां जाने पर रोक लगा रखी है। इस आईलैंड के डरावना होने के पीछे बहुत सारे रहस्य जुड़े हैं।
बताया जाता है कि इटली में कई साल पहले प्लेग बीमारी फैली थी जिसने एक महामारी का रूप धारण कर लिया था। उस समय इस महामारी का कोई इलाज नहीं था। इटली की सरकार को इसके फैलने का डर सता रहा था। जिसके कारण यहां की सरकार नें 1 लाख 60 हजार लोगों को इस द्वीप पर जिंदा जला दिया था। इसके बाद यहां काला बुखार नामक एक बीमारी भी फैलने लगी थी। इसके बाद यहां की सरकार ने लोगों के शव को भी यहीं दफन कर दिया था।
उस समय लेकर आज तक यहां के स्थानीय लोग इस द्वीप को शापित मानते हैं। कहा जाता है कि जलाए गए लोगों की आत्माएं आज भी यहां पर भटकती हैं। कई लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने यहां पर आत्माओं को देखा है व इस द्वीप से अजीबो-गरीब आवाजें भी सुनाई देती हैं।