भारत का एक ऐसा मंदिर जिसका प्रसाद भूलकर भी ना खाएं, जानिए आखिर क्या है वजह
भारत के हर राज्य में विभिन्न देवताओं और भगवान के मंदिर हैं, जिसमें से कुछ मंदिर प्राचीन काल से प्रचलित हैं। सभी की अपनी गाथा और महत्व है। इन मंदिरों में प्रसादी वितरण या भंडारा भी होता है और लोग दूर दराज से कई बार इसे अपने घर पर में लाकर भी बांटते हैं। लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां से प्रसादी लाना ही मना हो या इसे खाने से पहले आपको सोचना पड़ा हो।
दरअसल, आज हम भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो केवल भारत में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में प्रसिद्ध है। यह मंदिर और इसकी मान्यताएं दोनों ही अनोखी हैं। इनके बारे में जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में…
यहां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की। इस मंदिर में महाबली हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं। इस मंदिर में कई तरह के नजारे देखने मिल जाएंगे। कई बार ये नजारे इतने डरावने होते हैं कि लोग यहां दोबारा आने से डरते हैं। आप यह सोच रहे होंगे कि कोई व्यक्ति मंदिर से या मंदिर के अंदर आने से क्यों डरेगा।
दरअसल, इस मंदिर में लोग भूत-प्रेत और प्रेत बाधा से परेशान होकर मुक्ति के लिए आते हैं। इस मंदिर का विशेष नियम है, जो यहां आने वाले सभी लोगों को मानने पड़ते हैं। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए कम से कम एक हफ्ते पहले से प्याज, लहसुन, नॉनवेज, शराब आदि का सेवन बंद करना होता है।
इस मंदिर में प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की प्रतिमा भी स्थापित है। यहां हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में पेशी यानी कीर्तन किया जाता है। इसी दरबार में लोगों के ऊपरी साये दूर किए जाते हैं। हनुमानजी के इस मंदिर में दर्शन के उपरांत व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर ही वापस आता है।
इस मंदिर की मान्यता के अनुसार यहां के प्रसाद को ना खाया जा सकता है और ना ही किसी को दिया जा सकता है। उस प्रसाद को घर भी नहीं लिया जा सकता, प्रसाद केवल मंदिर में ही चढ़ाया जा सकता है। कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई भी खाने की चीज़ या सुगंधित चीज घर नहीं लाना चाहिए। ऐसा करने से साया आप पर भी आ सकता है।