चीन घूमने के लिए गया था एक भारतीय टूरिस्ट लेकिन उसके साथ हो गई एक अजीबोगरीब घटना, सोशल मीडिया पर शेयर किया अनुभव

भारत से एक यात्री जब चीन पहुंचा तो उसने एक हैरान करने वाला नजारा देखा। उस शख्स ने चीन के एयरपोर्ट पर जब पहला कदम रखा तो मशीनें उससे हिंदी में बात करने लगीं। यह हैरतअंगेज कारनामा बेंगलूरू के इंजीनीयर शांतनु गोयल के साथ हुआ। शांतनु ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए चीन में हिंदी बोलने वाली मशीनों का अनुभव शेयर किया। अब लोग सोशल मीडिया में इसको लेकर अलग अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं|

चीन घूमने गए इंजीनियर शांतनु गोयल एक्स पर अपने साथ घटे इस दिलचस्प किस्से को शेयर करते हैं। वे दो तस्वीरें शेयर करते हुए लिखते हैं, ‘अभी चीन में कदम रखा है और मजेदार बात ये है कि यहां मशीनें मुझ से हिंदी में बात कर रही हैं।’ उन्होंने इसकी वजह अपने पासपोर्ट को बताया। वे लिखते हैं, ‘जब मशीनों ने मेरे भारतीय पासपोर्ट को स्कैन किया, तो एक भारतीय नागरिक की पहचान करते हुए मशीनें मुझसे हिंदी में बात करने लगीं।

शांतनु की यह पोस्ट देखते ही देखते पूरे सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इसके बाद कई एक्स यूजर्स ने उनकी पोस्ट पर सवालों की झड़ी लगा दी। एक यूजर ने सवाल किया कि, क्या ये मशीनें सिर्फ हिंदी ही बोलती हैं या अन्य भाषाएं भी बोलती हैं। उनका जवाब देते हुए शांतनु लिखा, अलग अलग देशों में इस्तेमाल होने वाली भाषाएं जैसे स्पैनिश, जर्मन, फ्रेंच का उपयोग भी ये मशीनें करती हैं। लेकिन भारत के लिए इनमें डीफॉल्ट भाषा हिंदी रखी गई है। खास बात तो ये है कि शांतनु को मशीन के इंटरफेस में किसी भी लैंग्वेज को चुनने का ऑप्शन नहीं मिला था।

एक अन्य यूजर ने बताया कि चीन में यह पासपोर्ट डिटेक्ट कर उस देश की भाषा में बोलने वाली टेक्नोलॉजी कोई नई नहीं है। उसे इसके बारे में पिछले चार साल से पता है। उस यूजर ने बताया कि चीन की मशीनों में एक सेंसर लगा होता है, जो पासपोर्ट को स्कैन करता है। जिसके बाद उस देश की भाषा को मशीन बोलने लगती है।

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