कंपनी इस तरह से करती हैं अपने ग्राहकों को गुमराह, वीडियो देख उड़ जाएंगे आपके होश, लोग बोले- इसे जितना हो सके उतना शेयर करो

इस वीडियो को ‘फूडफार्मर’ नाम से मशहूर इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने लिंक्डइन पर शेयर किया है. उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘भारतीय डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की वो सच्चाई, जो हर किसी को देखनी चाहिए.’ रेवंत के इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है.

आप मार्केट से कोई भी प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो क्या उसके डिब्बे पर लिखी बातों को पढ़ते हैं. जाहिर है, आप कहेंगे कि इतना समय किसके पास है. ज्यादा से ज्यादा आप प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट देखते होंगे. लेकिन सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर अधिकांश लोग यही कह रहे हैं कि ये तो आंखें खोलने देने वाली क्लिप है. इसे जितना ज्यादा हो सके शेयर किया जाए. दरअसल, वायरल क्लिप में यह बताने की कोशिश की गई है कि कंपनियां ग्राहकों को किस तरह से गुमराह करती हैं.

फूडफार्मर’ नाम से मशहूर इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने यह वीडियो लिंक्डइन पर शेयर किया है, जिसे लेकर इंटरनेट पर नई बहस छिड़ गई है. रेवंत ने कैप्शन में लिखा है, ‘भारतीय डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की वो सच्चाई, जो हर किसी को देखनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने फूड सेफ्टी से जुड़े अधिकारियों से अपील की कि वे कंपनियों की मार्केटिंग ट्रिक्स को गंभीरता से लें और कार्रवाई करें.

https://www.linkedin.com/posts/revant-himatsingka-food-pharmer-68326126_the-unbelievable-reality-of-indian-packaged-ugcPost-7226226751666892800-Pzs4

वीडियो में रेवंत एक पॉडकॉस्ट में बातचीत के दौरान लोगों को बिस्किट के एक पॉपुलर ब्रांड का जिक्र करते हुए बताते हैं कि जिसे आप काजू वाला बिस्किट समझकर खाते हैं, उसमें नट्स की मात्रा केवल 0.4 प्रतिशत ही होता है. वहीं, कंपनी जिस Whole Wheat बिस्किट का दावा करती है, उसमें मैदे की मात्रा 52.11 प्रतिशत है. ऐसे में यह आटे से बना बिस्किट कैसे हो गया? रेंवत के मुताबिक, कंपनियों को मालूम है कि आपकी आदत डिब्बे पर लिखी बातों को नजरअंदाज करने की है और वे इसी का फायदा उठाती हैं. इसी तरह उन्होंने और भी कई उदाहरण दिए, जो लोगों को आंखों खोल देने वाली लगी.

कोलकाता के रेवंत FMCG कंपनियों से लोहा लेने के लिए जाने जाते हैं. ये वही शख्स हैं, जिन्होंने बॉर्नविटा में चीनी की मात्रा अधिक होने की बात उजागर की थी, और बॉर्नविटा को 75 साल बाद अपने ‘हेल्थ ड्रिंक’ टैग से हाथ धोना पड़ा था. कंपनी ने पलटवार भी किया, पर रेवंत ने अपना रुख बरकरार रखा. नतीजा ये हुआ कि भारत सरकार ने ई-कॉमर्स वेबसाइट को बॉर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी में रखने से रोक दिया

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