किडनैपर बोला…..DNA टेस्ट करवा लो मेरा ही बेटा है……हेड कांस्टेबल से किडनैपर बने बाप की कहानी जिसे सुन सब रोये….
राजस्थान के जयपुर में दो साल के बच्चे पृथ्वी के अपहरण के मामले में जो कहानी सामने आई है, उसने हर किसी को हैरान कर दिया है. पृथ्वी के अपने अपहरणकर्ता से इस तरह लिपट के रोने के वायरल वीडियो ने हर किसी को हिलाकर रख दिया. अब इस बात की चर्चा भी तेज हो गई है कि आरोपी तनुज ने जिस बच्चे को साथ रखने के लिए अपराध का रास्ता चुना, फरारी काटी और यहां तक की इनामी बदमाश तक बन गया, क्या अब वह उस बच्चे को ऐसे ही जाने देगा?
14 जून 2023 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में सांगानेर सदर इलाके से 11 महीने के बच्चे पृथ्वी का अपहरण हो जाता है. किडनैपर की भी पहचान हो जाती है… किडनैपर का नाम, तनुज चाहर बताया जाता है जो बच्चे की मां के जानने वालों में से था और यूपी के अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था. केस दर्ज होने पर जयपुर पुलिस ने सबसे पहले पुलिस लाइन अलीगढ़ में हेड कांस्टेबल तनुज की तलाश की, लेकिन आरोपी अपनी ड्यूटी से भी गैर-हाजिर चल रहा था. बाद में यूपी सरकार ने तनुज को सस्पेंड भी कर दिया था. पुलिस ने हार नहीं मानी और वह कई राज्यों में मासूम की खोज करती रही. जब कहीं से कुछ पता नहीं चला तो पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम रख दिया. इसके बाद जयपुर पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी तनुज ने अपनी दाढ़ी बढ़ा ली है और साधु का चोला ओढ़करमथुरा-वृंदावनके खादर क्षेत्र में कहीं कुटिया बनाकर रह रहा है, उसके पास बच्चा भी है जिसे वह ‘कृष्ण’ बनाकर रखता है और खुद साधु बनकर रहता है. पुलिसकर्मियों ने भी साधु का भेष बनाया और भजन-कीर्तन करते हुए इस ‘साधु’ की कुटिया में जा पहुंचे. लेकिन ना जाने कहां से आरोपी को पुलिस की खबर लग गई, उसने बच्चे को गोद में उठाया और खेतों की ओर भाग निकला, लेकिन आखिरकार पुलिस की महनत सफल हुई और आरोपी ‘बदमाश’ पकड़ा गया. आरोपी को पकड़कर पुलिस उसे थाने ले आई.
पुलिस स्टेशन आने पर आरोपी को एक अलग कमरे में रखा गया और बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपने के लिए उन्हें बुलाया गया. माता-पिता भी भागे-भागे आए. बच्चे को माता-पिता को सौंपने का वक्त आया. नन्हे पृथ्वी को लेने के लिए पुलिस कमरे में पहुंची तो देखा कि बच्चा तो अपने अपहरणकर्ता से लिपटा हुआ था. पुलिस ये देख हैरान रह गई. उसको गोद में लेने की कोशिश की, लेकिन बच्चा किसी और के पास जाने को तैयार ही नहीं. तब जाकर पुलिस को समझ आया कि माजरा कुछ और है. खैर उसने बच्चे को जैसे-तैसे माता-पिता को सौंपा और मामले की जांच शुरू की. जब आरोपी से पूछताछ की गई तो कहानी ही पलट गई… आरोपी किडनैपर ने बताया कि वह ही पृथ्वी का असली पिता है… उसने कहा कि अगर पुलिस को डीएनए करवाना है तो करवा सकते है, लेकिन वह ही उसका असली पिता हैं. बच्चे की मां आरोपी तनुज की बुआ की बेटी है जिससे वह बेइंतहा प्यार करता है. आरोपी ने बताया कि दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे लेकिन परिवार को ये रिश्ता रास नहीं आया और खाप पंचायत बैठी जिसके बाद लड़की की शादी गुपचुप तरीके से किसी और से कर दी गई. तनुज प्यार से जुदा होने के बावजूद अपनी प्रेमिका को पाने के लिए पुलिस की नौकरी छोड़कर भिखारी बन गया.
तनुज प्रेमिका की तलाश करता रहा… उसकी शादी जयपुर में हुई थी. तनुज ने उसे ढूंढ़ने के लिए सब कुछ छोड़ दिया और सड़कों की खाक छानने लगा. एक साल तक फुटपाथ पर रातें गुजारीं और मजदूरी कर अपना पेट पाला. आखिरकार उसे प्रेमिका के घर का पता मिला और वह दोबारा प्रेमिका से मिलने लगा. धीरे-धीरे उसने अपनी प्रेमिका के पति से व्यवहार बनाया और फिर उसके घर आना-जाना शुरू कर दिया. प्रेमिका ने भी पति से झूठ बोलना मुनासिब नहीं समझा और उसको सबकुछ बता दिया. दोनों मिलने लगे, इसी बीच महिला गर्भवती हो गई और उसने पृथ्वी को जन्म दिया लेकिन फिर अचानक उसने तनुज से नाता तोड़ लिया.इसके बाद दोनों के बीच झगड़े होने लगे. तनुज बच्चे से मिलना चाहता था लेकिन जब उसे कोई और रास्ता नहीं दिखा तो वह अपराधी बन गया. आखिरकार बच्चे को उसने अपने कुछ साथियों संग किडनैप कर लिया.
14 जून 2023 को उसने प्रेमिका के घर से उसके 11 महीने के बच्चे को जबरन उठा लिया और उसका अपहरण कर लिया. अब जब पुलिस ने बच्चे को बरामद किया तो उसकी उम्र दो साल से ज्यादा हो चुकी है. यानी बच्चा जब तक थोड़ा बहुत समझने वाला हुआ तो उसने ‘पिता’ के तौर पर केवल अपने किडनैपर को देखा. तनुज ने भी बच्चे को सीने से लगाकर रखा. खुद एक रोटी खाई लेकिन उसकी हर जरुरत को पूरा किया. खिलौनों से लेकर कपड़ों तक सबकुछ दिलाया. ऐसा भी नहीं है कि आरोपी तनुज शादीशुदा नहीं था बल्कि उसका तो 21 साल का एक लड़का भी है और एक पत्नी भी, लेकिन पृथ्वी के प्यार में मानो उसे कुछ और दिखा ही नहीं. उसने सबकुछ छोड़ दिया और बस बच्चे के साथ रहता रहा.शायद इसलिए ही बच्चे ने जब से प्यार का मतलब समझना शुरू किया तब से ही उसने केवल अपने इसी ‘पिता’ को समझा… और इसलिए अब उस मासूम को अपने इस पिता से अलग रहना मुश्किल हो रहा है. लेकिन समाज और कानून की अपनी परिधियां हैं जिनका पालन करना जरूरी है. बच्चे को तो उसके माता-पिता को सौंप दिया गया, लेकिन जिस इंसान ने पृथ्वी को अपने पास रखने के लिए अपराधी बनना भी गंवारा कर लिया क्या वो उसे इतनी आसानी से छोड़ देगा?
मामले में डीएनए जांच की मांग की गई है, यानी तनुज, पृथ्वी और पृथ्वी के दूसरे पिता के डीएनए सैंपल लिए जाएंगे और उनकी जांच की जाएगी. भारतीय कानून में डीएनए परीक्षण के लिए कोर्ट का आदेश लेना पड़ता है. यह आदेश परिवार कानून सुधार अधिनियम, 1969 की धारा 20 के तहत दिया जाता है. कोर्ट के आदेश के बाद व्यक्ति को मंत्रालय की मान्यता वाली सूची में से किसी एक लैब का चयन करना होता है. किसी के बच्चे के पिता होने के क्लेम को सिद्ध करने के लिए डीएनए का मैच 99.9 फीसदी होना चाहिए. अगर बच्चा नाबालिग है, तो जांच के लिए कथित माता-पिता में से किसी एक को कंसेंट पर साइन करना होता है. अगर बच्चा वयस्क है, तो उसे भी अपनी सहमति देनी होती है. हर बच्चे का DNA उसके माता-पिता से ही बनता है लेकिन बच्चे और उसके माता पिता का DNA एक जैसा नहीं होता, बल्कि कुछ हिस्सा मिलता हुआ हो सकता है. हर व्यक्ति का DNA एकदम अलग और यूनिक होता है. लेकिन हर डीएनए टेस्ट से ये जाहिर हो जाता है कि आपका रिश्ता एक दूसरे से जुड़ा हुआ है या नहीं. देश के कई बड़े मामलों में भी इस टेस्ट की मदद ली गई है. अब देखना ये है कि कोर्ट जाने के बाद इस मामले में क्या नया मोड़ आता है? क्या वाकई तनुज ही पृथ्वी का असली पिता है? और अगर ऐसा नहीं है तो क्या पृथ्वी अपने इस पिता से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा?