भाभी के साथ रेप करने की कोशिश कर रहा था देवर, किया विरोध तो ले ली उसकी जान, अब कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा

यह जघन्य हत्याकांड जालौन में 8 जनवरी 2023 को हुआ था. अब कोर्ट ने हत्या और सबूत मिटाने का दोषी पाते हुए युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 53 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया है.

उत्तर प्रदेश के जालौन में डेढ़ साल पहले एक युवक ने भाभी की बेरहमी से हत्या कर दी थी. साथ ही उसकी पहचान मिटाने के लिए उसके शव को जला दिया था. यह हत्या दुष्कर्म में नाकाम होने पर की गई थी. इस मामले में अब कोर्ट का फैसला आ चुका है. कोर्ट ने युवक को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने 53 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है.

सोमवार को जालौन के न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) के न्यायाधीश शिव कुमार ने यह फैसला सुनाया है. यह जघन्य हत्याकांड नदीगांव थाना क्षेत्र के कुरचौली गांव में 8 जनवरी 2023 को हुआ था, जब कुरचौली की रहने वाली पूजा शर्मा अपनी शुगर की बीमारी की दवा लेने ग्वालियर अपनी दोनों बेटियो के साथ जा रही थी.

पूजा अपनी दोनों बेटियों के साथ दवा लेने के लिए ग्वालियर जाने के लिए निकली ही थी, तभी उसका देवर अविनाश उर्फ नीतू पुत्र मुरारी लाल शर्मा आ गया और उसने भाभी पूजा को गाड़ी में बैठाने की बात कहकर दोनों भतीजी को घर वापस भेज दिया. इस दौरान देवर अविनाश ने भाभी को सुनसान इलाके में देखकर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया, जिसका भाभी ने विरोध किया तो उसने भाभी पर जानलेवा हमला करते हुए कुल्हाड़ी से हमलाकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. साथ ही उसकी पहचान छिपाने के लिए उसके शव को जला दिया था.

इस घटना के बारे में उस वक्त जानकारी मिली थी, जब उसकी दोनों बेटियां घर वापस जाने के बाद खेत पर भाजी काटने के लिए जा रही थीं, तब दोनों ने अपने चाचा को मां के साथ इस जघन्य कांड को करते देखा था, जिस पर उसने अपने पिता सतीश को इस बारे में जानकारी दी थी.

मृतका पूजा के पति सतीश ने पुलिस को सूचना दी थी. इस सूचना कर पुलिस मौके पर पहुंची थी और मामले की जांच करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. वहीं इस मामले में पूजा के पति सतीश ने अपने छोटे भाई अविनाश और पिता मुरारीलाल पर पत्नी पूजा शर्मा की हत्या करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी. इस पर पुलिस ने सतीश के छोटे भाई अविनाश और पिता मुरारी के ऊपर हत्या तथा साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस ने अगले दिन आरोपी अविनाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

इस केस की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि नदीगांव पुलिस ने जांच की तो मुरारी के खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं मिला, जिस पर पुलिस ने उसका नाम हटाते हुए आरोपी अविनाश उर्फ नीतू के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. 18 माह तक अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार की अदालत में चले ट्रायल के बाद सोमवार को इस मामले की सुनवाई पूरी हुई. इसमें दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा बहस की गई और गवाहों के बयान और सबूत पेश किए गए.

बयानों के आधार पर न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम के न्यायाधीश शिवकुमार ने हत्या व सबूत मिटाने का दोषी पाते हुए अविनाश उर्फ नीतू शर्मा सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 53 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया. अर्थदंड अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना पड़ेगा.

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