परिवार पर टूटा मुसिबतों का पहाड़, पहले बेटे का अपहरण-और अब गिरफ्तार,जनिये क्राइम की गजब कहानी…..
पुलिस ने बताया कि 10 सितंबर को रात 9.30 बजे जेपी कॉसमॉस सेक्टर 134 नोएडा से शुभम गौड़ की गुमशुदगी की शिकायत मिली थी. साथ ही परिजनों ने बताया था कि शुभम गौड़ के मोबाइल से परिजनों को कॉल करके शुभम गौड़ को छोड़ने की एवज में फिरौती की रकम भी मांगी गई थी.
दिल्ली से सटे नोएडा में क्राइम का ऐसा केस सामने आया है कि जिसके बारे में जानकार हर कोई दंग है. वहीं पहले पीड़ित परिवार घर के बेटे के किडनैप होने को लेकर टेंशन में था और अब उसकी टेंशन है कि घर का बेटे को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. असल में क्राइम की इस अजब कहानी का गजब किरदार घर का ही बेटा है जिसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर यह पूरी प्लानिंग की थी. आखिर क्या थी ये प्लानिंग और उसने क्यों रची ऐसी साजशि जानें पूरी डिटेल…
बताया जा रहा है कि नोएडा के थाना एक्सप्रेस वे पुलिस ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने अपहरण की साजिश रचकर परिजनों से फिरौती मांगने वाले युवक समेत 3 को गिरफ्तार किया है. शुभम गौड़ नाम का युवक टीसीएस में नौकरी करता था और शराब व गांजे का शौकीन था. इसके साथ उसके कई और खर्च भी थे. उसके अन्य दोस्तों के ऊपर भी काफी कर्ज था, जिसे उतारने के लिए इन सब ने अपहरण की झूठी साजिश रची और घर वालों से पैसों की डिमांड की
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि 10 सितंबर को रात 9.30 बजे जेपी कॉसमॉस सेक्टर 134 नोएडा से शुभम गौड़ की गुमशुदगी की शिकायत मिली थी. साथ ही परिजनों ने बताया था कि शुभम गौड़ के मोबाइल से परिजनों को कॉल करके शुभम गौड़ को छोड़ने की एवज में फिरौती की रकम भी मांगी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 17 सितंबर को लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुये घटना में शामिल अभियुक्तों संदीप, अंकित कुमार और शुभम गौड़ को हरियाणा से हिरासत में लेकर थाने लाया गया. पुलिस पूछताछ में जब घटना का खुलासा हुआ तो पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने पूरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि 10 सितंबर को रात 9.50 बजे शुभम गौड़ ने अपने मित्र ऊधौ के साथ मिलकर अपने अपहरण की योजना बनाई. इस योजना में उसका साथ ऊधौ के मित्र अंकित कुमार, संदीप और दीपक ने दिया. योजना के मुताबिक, शुभम दिल्ली होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी शहर में पहुंच गया और उसके दोस्तों ने शुभम गौड़ के मोबाइल से उसकी मां को कॉल करके शुभम को छोड़ने के लिए पैसे की मांग की.
पुलिस ने बताया की शुभम ने अपने दोस्त ऊधौ की मदद से करीब 1 महीने पहले अपहरण की कहानी बनाकर अपने परिवार से काफी बड़ा अमाउंट लेने का प्लान बनाया था. चूंकि शुभम के दादाजी रजिस्ट्रार थे और शुभम के पिता का काफी अच्छा केबल/डिश टीवी का काम है और शुभम गौड़ के चाचा का रियल एस्टेट का बिजनेस है और उनका कोई बेटा भी नही है. इसलिए सभी ने योजना बनाकर 10 सितंबर को शुभम गौड को प्लानिंग के तहत कॉल कर के नंगली पेट्रोल पम्प के पास सेक्टर 134 बुलाया और योजना बद्ध तरीके से एक गाड़ी किराए पर लाये थे, जिसमें सभी बैठाकर रेवाडी चले गये और वहां पहुंचकर शुभम गौड़ की माताजी से शुभम गौड़ को छोड़ने की एवज में शुभम गौड़ के मोबाइल से ही धन की मांग की गई.
इस घटना में शामिल एक आरोपी अंकित की बहन की शादी फरवरी में हुई है. उस पर काफी कर्ज था एवं संदीप, दीपक, ऊधौ को भी पैसे की जरूरत थी और शुभम गौड़ यहां पर टीसीएस कंपनी में मात्र 25000 रुपये की नौकरी करता है तथा उसका शराब व गांजे का खर्चा ही काफी हो जाता है तथा फ्लैट का किराये का खर्चा अलग से होता है और उसे पता था कि उसके पिता के पास काफी धन है. उसने लालच में आकर उसने ऊधौ के साथ प्लानिंग बनाई थी.