एक सेठ बहुत धनवान था, उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी, इसी वजह से उसका बेटा बुरी आदतों में फंस गया, वह लड़कियों को सताता था, नशा करता था, अब सेठ को चिंता सताने लगी कि उसका बेटा सबकुछ……

एक प्राचीन की कथा के मुताबिक, पुराने समय में एक सेठ बहुत धनवान थे जिनके पास धन की कमी नहीं थी. लेकिन उनका बेटा बुरी आदतों में फंस गया. वह लड़कियों को परेशान करता था और नशा करता था. अब सेठ अपने बेटे की वजह से चिंतित रहने लगा. एक दिन सेठ विद्वान संत के पास गया और उनसे कहा कि महाराज मेरे बेटे का भविष्य बर्बाद होता हुआ नजर आ रहा है, कृपया आप उसको सुधार दीजिए.

संत ने कहा कि तुम अपने बेटे को मेरे पास भेज दो. अगले दिन सेठ ने अपने बेटे को संत के पास भेज दिया. संत बहुत बुद्धिमान थे. वे उस लड़के के साथ बाग में गए और लड़के से कहा कि यह छोटा सा पौधा है, इसे उखाड़ दो. लड़के ने तुरंत पौधा उखाड़ दिया. इसके बाद पंत ने उसे थोड़ा बड़ा पौधा उखाड़ने के लिए कहा. इस बार लड़के को पौधे को उखाड़ने में थोड़ी सी ताकत लगानी पड़ी.लड़का नहीं समझा कि संत उसे ऐसा करने के लिए क्यों कह रहे हैं. फिर संत ने लड़के को बड़े पेड़ की तरफ इशारा करते हुए उसे उखाड़ने के लिए कहा. लड़के ने काफी कोशिश की. लेकिन वह पेड़ को नहीं उखाड़ पाया. उसने संत से कहा कि मैं यह पेड़ नहीं उठा पाऊंगा.

तब संत ने उसे समझाया ही ठीक ऐसा ही हमारी बुरी आदतों के साथ होता है. अभी तुम्हारी उम्र ज्यादा नहीं है, इसीलिए तुम्हारी बुरी आदतों की जड़ें कमजोर है. अगर तुम इन आदतों को उखाड़ दोगे यानी छोड़ दोगे तो तुम्हारा जीवन सफल होगा. नहीं तो तुम इन आदतों को भी नहीं छोड़ पाओगे और यह आगे बढ़ती जाएगी और जब इनकी जड़ें मजबूत होगी, तो इन्हें छोड़ पाना असंभव हो जाएगा. लड़का संत की बात समझ गया और उसने बुरी आदतों को छोड़ने का संकल्प लिया.

कथा की सीख

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि बुरी आदत को शुरू में ही छोड़ देना चाहिए. नहीं तो धीरे-धीरे यह बढ़ती जाती हैं और हमारा जीवन बर्बाद हो सकता है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *