एंबुलेंस को जब पुलिस ने रुकवाया और तलाशी देने के लिए कहा; अंदर जो दिखा उसे देख चौंधियां गई आंखें

इंदौर जिले की सिमरोल पुलिस घाट सेक्शन में बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग अभियान चला रही थी. तभी पुलिस को एक एंबुलेस आती नजर आई. पास आते ही एंबुलेंस ड्राइवर सायरन बजाते हुए पास मांगने लगा. एंबुलेंस की नंबर प्लेट पर नजर पड़ते ही पुलिस का माथा ठनका और उसे रुकवा लिया. ड्राइवर इमरजेंसी की दुहाई देने लगा लेकिन पुलिस उसकी बातों में नहीं आई. कहा कि तलाशी तो देनी ही होगी. फिर क्या था, जैसे ही तलाशी ली गई, वहां पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए. आइये जानते हैं पूरा मामला…

इंदौर जिले की सिमरोल पुलिस घाट सेक्शन में चेकिंग अभियान चला रही थी. इस दौरान एक एंबुलेंस सायरन बजाकर निकलने लगी तो पुलिस ने उसे रुकवा लिया. तलाशी में एंबुलेंस में 138 किलो गांजा मिला. जिसकी अनुमानित कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस पूछताछ में पता चला कि गांजा उड़ीसा से राजस्थान ले जाया जा रहा था. एंबुलेंस के आगे काले रंग की बोलेरो चल रही थी जिसे पुलिस नहीं पकड़ पाई. ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने बताया कि तस्कर इमरजेंसी सेवा का फायदा उठाकर एंबुलेंस में गांजे की तस्करी कर रहे थे.

तस्करों की पहचान किरण उर्फ टेलको हंतल (19) और डब्लू उर्फ बलराम पात्र (21) के रूप में हुए. दोनों देबागंधाना जिला कारापुट ओडिशा के रहने वाले हैं. टीआई अमित कुमार को मुखबिर से गांजे की बड़ी खेप एंबुलेंस में सिमरोल के रास्ते ले जाने की सूचना मिली थी. पुलिस टीम भेरू घाट पर बैरिकेडिंग लगा दी थी.

डीसीपी उमाकांत चौधरी ने बताया कि शाम के समय एक चोरल तरफ से आंध्रप्रदेश पासिंग नंबर की एक एंबुलेस आती दिखाई थी. पुलिस को आशंका हुई. एंबुलेंस को रुकने का इशारा किया तो ड्राइवर सायरन बजाकर पास मांगने लगा लेकिन पुलिस को रोक लिया. शुरू में दोनों तस्कर पुलिस को बरगलाते रहे. पुलिस ने जब कहा कि तलाशी तो देनी होगी, इतना सुनते ही दोनों तस्करों के चेहरे से हवाइयां उड़ने लगीं. पुलिस की तलाशी में सीट के नीचे 138 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ. पुलिस दोनों को थाने लेकर आई.

पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्हें एक खेप के एक लाख रुपये मिलते थे. एंबुलेंस 1200 किमी का रास्ता तय करके इंदौर पहुंची थी और राजस्थान-पंजाब की ओर जा रही थी. पुलिस चेकिंग देखकर तस्कर सायरन बजाने लगते थे ताकि इमरजेंसी का लाभ मिले और पुलिस रोक न सके. आरोपियों ने बताया कि माल कहां-कहां सप्लाय करना था, उन्हें पता नहीं. इंदौर पहुंचने के बाद लोकेशन बताई जानी थी.

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