किसी शहर में 4 चोर रहते थे, एक रात उन सभी ने नगर के ही एक सेठ के घर पर चोरी कर ली, इसके बाद वे सभी जंगल में जाकर छिप गए, चोरी के माल को देखकर उन चोरों की ही नियत डगमगा गई…….
एक नगर में 4 चोर रहते थे जो मिलकर रात को चोरी करते थे। वह जो भी माल चोरी करते थे, उसे आपस में बांट लेते। लेकिन उन्हें एक-दूसरे पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था। उनको इस बात का डर रहता था कहीं कोई साथी धोखा ना दे दे।
एक बार इन चार चोरों ने सेठ के यहां चोरी की। उस सेठ के पास बहुत पैसा था। बहुत सारा धन देख कर चोरों की नियत बिगड़ गई। चोरी करने के बाद यह चारों चोर पहले तो उस नगर से भाग गए और जंगल में जाकर छुप गए क्योंकि सेठ के यहां चोरी होने के बाद राजा ने चोरों को पकड़ने का आदेश अपने विश्वासपात्र सैनिकों को दिया।
अब राजा के सैनिक उन चोरों को पकड़ने के लिए हर तरफ घूम रहे थे। यह चोर पिछले 2 दिनों से जंगल में छुपे हुए थे। भूख की वजह से इन चोरों की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई। अब वे सोचने लगे कि इस जंगल में ज्यादा दिन तक रहे तो हमारी मौत हो जाएगी।
इस कारण उन चोरों ने निर्णय लिया कि 2 साथी नगर में भोजन लेने जायेंगे, जबकि 2 चोर यही रहेंगे। दो चोर नगर में चले गए। उन्होंने पहले खुद पेट भर के खाना खाया और फिर योजना तैयार की। हम अपने साथियों के लिए भोजन ले जाएंगे। लेकिन उसमें जहर मिला देते हैं। ऐसा करके हम पूरा माल अपने अधिकार में कर लेंगे।
लेकिन अन्य दो साथियों ने खाना लेकर आ रहे दो साथियों पर हमला कर दिया जिससे उनकी मौत हो गई। अन्य 2 साथी जहर वाला खाना खा कर मर गए।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि जो लोग बुरा करते हैं और दूसरों के पैसों पर नजर रखते हैं उनके साथ जीवन में कभी भी कुछ अच्छा नहीं होता। उन्हें हमेशा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।