डॉक्टर साहब ने खुद की अर्थी सजाई,फिर पास बैठ कर रखि यह मांग……..

राजस्थान के राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ में एक डॉक्टर खुद अपनी अर्थी सजाकर उसके पास धरने पर बैठा है. उसका कहना है कि जब तक उसकी मांग पूरी नहीं होगी वह तब तक यहीं बैठा रहेगा. जानें क्या है इस अजबगजब डॉक्टर की मांग.

देशभर में लोग अपनी बात मनवाने के लिए अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन करते हैं. कोई बीच सड़क पर रास्ता जाम करता है तो कोई धरने पर बैठ जाता है. कोई बिजली के पोल पर चढ़कर मांगें मनवाता है तो कोई मोबाइल टावर चढ़ जाता है. लेकिन राजस्थान के राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ में एक शख्स ने अपनी मांग मनवाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. कुंभलगढ़ में एक डॉक्टर ने रोडवेज बस चलाने की मांग को लेकर अपनी खुद अर्थी सजा ली और उसके पास धरने पर बैठ गया. दो दिन से वहां लोगों का मजमा लगा हुआ है.

जानकारी के अनुसार मांग मनवाने के लिए अनोखा तरीका अपनाने वाला शख्स राम मीणा है. राम आयुर्वेद प्राइवेट चिकित्सक हैं. उनकी मांग है कि कुंभलगढ़ के लिए रोडवेज बस चलाई जाए. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग को नहीं माना जाएगा तब तक वे अर्थी के साथ आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. प्रदर्शनकारी राम मीणा अर्थी के पास बैठे हैं और सिर पर गमछा बांध रखा है. उनकी इस मांग के समर्थन में अन्य लोग भी अर्थी के पास बैठे हैं.

कस्बे में हो रहे इस हाई प्रोफाइल ड्रामे को देखने के लिए दो दिन से वहां लोगों का मजमा लगा हुआ है. राम मीणा राजनीति में भी दखलअंदाजी रखते हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 में भारत आदिवासी पार्टी से कुंभलगढ़ से चुनाव भी लड़ा था. मीणा ने बीते 18 सितंबर को अपने समर्थकों के साथ केलवाड़ा में उग्र प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में उन्होंने मांग पूरी करने के लिए सरकार और प्रशासन को 5 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया था.

पांच अक्टूबर तक जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे अर्थी सजाकर उसके पास आमरण अनशन पर बैठ गए. मीणा कस्बे के शीतला माता पार्क में महाराणा प्रताप और राणा पूंजा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अनशन पर बैठे हैं. उनकी एक ही मांग है कि कुंभलगढ़-चारभुजा रूट पर रोडवेज बसों का संचालन किया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके. मीणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले आमरण अनशन पर बैठे हैं. मीणा का कहना है कि या तो रोडवेज बस में जयपुर जाऊंगा या फिर मेरी लाश इस अर्थी पर जाएगी. इसलिए मैंने खुद अपने हाथों से अपनी अर्थी सजाई है.

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