पहले से ही शादीशुदा था पति, धोखे का पता होने के बाद भी पत्नी बनाती रही संबंध, कोर्ट में पहुंचा मामला
महिला मूल रूप से न्यूजीलैंड की रहने वाली है. उसने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. महिला का कहना है कि पति पहले से शादीशुदा था. फिर भी उसने न्यूजीलैंड में उसके साथ दूसरी शादी की.
गुजरात हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया, जहां न्यूजीलैंड से भारत आई महिला ने अपने पति पर ही दुष्कर्म का आरोप लगा दिया. महिला का कहना है कि पति ने पहले से शादीशुदा था. इस बात की जानकारी उसने नहीं दी थी. ऐसे में उसने धोखा दिया है. भारतीय मूल की यह महिला न्यूजीलैंड की नागरिक है. दोनों की शादी न्यूजीलैंड में रजिस्टर्ड भी है. पति मुस्लिम है जबकि महिला हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखती है. मई 2013 में न्यूजीलैंड में उसने एक एनआरआई से शादी कर ली थी. पहली नजर में यह मामला दूसरे देश की नगारिकता लेने के लिए वहां की नगारिकता प्राप्त महिला से शादी करने का लगता है.
गुजरात हाईकोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया. न्यूजीलैंड से आई ये भारतीय मूल की महिला कोर्ट के सामने फूट-फूटकर रोई और अपनी आपबीती बताई. महिला ने कहा था कि शादी वाले साल नवंबर तक दोनों साथ रहे और जब पति भारत लौट आया, तो वह भारत आती रही. बाद में उसे पता चला कि उसके पति की पहले भी शादी हो चुकी है. पेश मामले में उसने विश्वासघात के लिए पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. पति को गिरफ्तार कर लिया गया और हालांकि एक हफ्ते बाद उसे जमानत मिल गई.
हालांकि वे एक-दूसरे से मिलते रहे. सितंबर 2014 में दर्ज अपनी एफआईआर में महिला ने कहा कि पति ने नवसारी के एक होटल में उसके साथ बलात्कार किया था. इसके बाद पति ने एफआईआर रद्द करने की मांग की. पुलिस की तरफ से कहा गया कि क्योंकि पीड़िता की आवेदक के साथ शादीअवैध है, इसलिए जब उसने सितंबर 2014 में नवसारी में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए तो यह आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध का स्पष्ट मामला बनता है.
न्यायमूर्ति उमेश त्रिवेदी की बेंच ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि महिला ने बाद में अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर ली थी. उसे आपराधिक कार्यवाही में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने शादी की और न्यूजीलैंड में इसे रजिस्टर्ड कराया और उसके बाद पति-पत्नी के रूप में साथ रहे. चाहे वह शादी कानूनी हो या अवैध, शारीरिक संबंध स्पष्ट सहमति से स्थापित किए गए थे. एफआईआर से जो बात सामने आ रही है, वह यह है कि आवेदक (पति) की पहली शादी के बारे में पता होने के बावजूद, उसने उक्त संबंध को कभी-कभी जारी रखा. हाईकोर्ट ने कहा कि जैसा कि महिला ने एफआईआर में खुद दावा किया है, आरोपी ने उसकी वित्तीय मदद भी की थी. यह सही है या नहीं, इस पर विचार किए बिना, यह सुरक्षित रूप से माना जा सकता है कि वह अपनी पहली शादी के बारे में जानकारी होने के बाद भी उक्त संबंध को जारी रखना चाहती है.”