अपनी मौत की झूठी कहानी फैलाकर प्रेमी संग फरार हुई थी महिला, फिर पछतावा होने पर सच्ची बताई पिता को तो पिता ने भूत समझकर दिया भगा…

आरोपी महिला ने जब पिता को हकीकत बताई तो उसके पिता को लगा कि बेटी का भूत यह कहानी कह रहा है। उन्होंने इस पर यकीन नहीं किया, जब पुलिस को जानकारी लगी तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

गुजरात के कच्छ से हत्या और प्रेम प्रसंग का ऐसा मामला सामने आया है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। यहां एक महिला ने खुद को मरा हुआ साबित कर दिया। इसके बाद प्रेमी के साथ भाग गई। हालांकि, कुछ समय बाद उसे अपने किए पर पछतावा हुआ और वह लौट आई। उसने अपने पिता को पूरी बात बताई तो पिता को लगा कि बेटी का भूत यह कहानी सुना रहा है। हालांकि, पुलिस को इसकी जानकारी लगी तो महिला के साथ उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पूरा मामला सामने आया।

पुलिस ने प्रेमी जोड़े को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही कंकाल का डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है ताकि यह साफ हो सके कि जिस व्यक्ति की मौत हुई थी। वह कौन था।

मामला कच्छ के खारी गांव का है। यहां शादीशुदा रामी काना देभा चाड (आहीर) और खारी गांव में रहने वाले अनिल गोपालभाई विश्रामभाई गागल (उम्र 26) के बीच प्रेम संबंध था। रामी ने अनिल से कहा कि अगर तुम मुझे मृत घोषित कर दो तो मैं आपके पास आऊंगी। इसके बाद से आरोपी अनिल एक महीने से लावारिश शव की तलाश कर रहा था। इसी दौरान 3 जुलाई की रात भुज में हमीरसर तालाब के पास एक बेंच पर बैठे बुजुर्ग से अनिल ने बात की। उसे पता चला कि बुजुर्ग का नाम प्रताप भाटिया है और उसके परिवार में कोई नहीं है। इस वजह से वह अकेले रह रहा है। इसके बाद अनिल उसका पीछा करते हुए उस स्थान पर पहुंच गया, जहां भरत भाई सो रहा था।

अनिल ने देर रात इको कार में बुजुर्ग का अपहरण कर भोजर्दो और छछी के रेगिस्तान में ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी और रामी को बुलाकर पूरा प्लान बनाया। बुजुर्ग का शव गांव लाया गया और आरोपियों के वृद्ध का शव कूड़े से ढक दिया। बाद में योजना के अनुसार रामी ने 19 जून को वीडियो बनाकर आत्महत्या की बात कही। उसने कहा कि मैं जीवन और तुम्हारी मुझसे की गई अपेक्षाओं को पूरी नहीं कर पाऊंगी मैं थक गई हूं। मुझे क्षमा करें, रामी ने मोबाइल फोन में दो अलग-अलग वीडियो बनाकर 5 जुलाई को अपने पिता साकराभाई को भेजा और पूर्व योजना के अनुसार, 5 जुलाई को सुबह 11:30 बजे। आरोपी शव को उसके आंगन से पास के काना करशन चाड के आंगन में ले गया और अनिल और रामी ने मृत वृद्ध को लकड़ी के बोझ पर रख दिया और आग लगा दी, रामी ने अपने कपड़े, चूड़ी और मोबाइल, जूते उसके पास छोड़ दिए। एक रात वहां रुकने के बाद अगले दिन आरोपी अनिल अपनी प्रेमिका रामी के साथ फरार हो गया।

दोनों आरोपी अनिल और रामी एक महीने तक भनवाद तालुका के कबरखा गांव में रहे। इसके बाद वह भुज के उम्मेदनगर कॉलोनी में एक मकान किराए पर लेकर रहने लगे। इस बीच,रामी को हत्या का पश्चाताप हुआ तो 27 सितंबर की रात नादापा गांव में रहने वाले अपने पिता साकराभाई करमनभाई करासिया से मिलने गई। उसने रोते हुए कहा कि मुझे माफ कर दो। हालांकि, सकराभाई ने अपनी बेटी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्हें पहले लगा कि यह बेटी का भूत है, जो कहानी गढ़ रहा है और बाद में उन्होंने पुलिस के सामने पेश होने की शर्त रख दी। इसके बाद दोनों आरोपी फिर फरार हो गए। हालांकि, खावड़ा पुलिस ने रापर इलाके से प्रेमी जोड़े को पकड़ लिया और पूरी घटना से पर्दा उठ गया।

आरोपी अनिल से पूछताछ के दौरान खावड़ा पुलिस ने अज्ञात वृद्ध की पहचान के लिए जांच की। इसी बीच भुज में जिस दुकान के नीचे अज्ञात वृद्ध सो रहा था। उस दुकान के मालिक शिवम ट्रेडर्स की मदद से मृत वृद्ध का स्केच तैयार किया गया। स्केच से मृतक के भाई गणेशनगर भुज निवासी नरेशभाई प्रतापभाई गांधी (भाटिया) ने पुलिस को पहचान दी कि उनके भाई भरतभाई प्रतापभाई भाटिया (मृत्यु 72) मूल रूप से मनकुवा के रहने वाले हैं और वर्तमान में भुज में रह रहे हैं। खावड़ा पुलिस ने आरोपी रामी और उसके प्रेमी अनिल गागल के खिलाफ हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की है।

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