एक मादा हिरण गर्भवती थी, जब वह अपने बच्चे को जन्म दे रही थी, तभी एक शिकारी धनुष पर बाण चढ़ाकर उसका शिकार करने के लिए आ रहा……

आज हम आपको एक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल इस पुरानी लोक कथा के अनुसार जंगल में एक मादा हिरण गर्भवती थी। उस जंगल में कई खतरनाक जानवर थे। ऐसे में हिरणी इस बात को लेकर परेशान थी कि वह खुद को और अपने बच्चों को सुरक्षित कैसे रखेगी। हालांकि जंगल में बहुत खोजने के बाद उसे कुछ झाड़ियां मिल गईं और वह उनके पीछे वह छिप गई और प्रसव के समय का इंतजार करने लगी।

फिर एक रात हिरण के पेट में तेज दर्द होने लगा। लेकिन उसी समय तेज बारिश शुरू हो गई। फिर जब बारिश रुकी तो आसमान से एक पेड़ पर बिजली गिरी और आग लग गई। हिरण ने देखा कि झाड़ियों के पीछे से एक शिकारी उसे मारने के लिए धनुष पर बाण चढ़ाकर खड़ा है लेकिन वह भागने के काबिल नहीं थी। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि उसका पेट दर्द कर रहा था।

हालांकि जब हिरण ने जैसे-तैसे थोड़ा आगे बढ़ने की कोशिश की तो उसने पाया कि एक शेर उस पर हमला करने के लिए तैयार खड़ा है। अब हिरणी को समझ नहीं आ रहा था कि एक तरफ जंगल में आग, एक तरफ शिकारी और दूसरी तरफ शेर से वह कैसे बचेगी।

इसके बाद उसने घबराहट छोड़कर अपना मन शांत किया और भगवान का ध्यान करने लगी। फिर भगवान पर भरोसा रखते हुए उसने बच्चे को जन्म दे दिया। इसके बाद उसी समय शिकारी पर बिजली गिरी और उसके हाथ से बाण छूट गया फिर वो बाण शेर को जाकर लग गया। इसके बाद फिर तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे जंगल की आग भी बुझ गई। इस तरह हिरण और उसका बच्चा सुरक्षित हो गए। ये करिश्मा देखकर वह हिरणी हैरान थी।

कथा की क्या है सीख

दरअसल इस कथा की सीख यह है कि जब हमारे जीवन में बुरा समय आता है और हमें कुछ समझ नहीं आता कि हम क्या करें, तब ऐसे समय पर हमें भगवान पर भरोसा रखना चाहिए क्योंकि भगवान अपने भक्तों को हर परेशानी से बचा सकते हैं।

इससे यह भी सीख मिलती है कि बुरे समय में मानसिक संतुलन बिगड़ने न दें, धैर्य बनाए रखें और अपना कर्म ईमानदारी से करें। और परिणाम भगवान पर छोड़ दें।

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