चावल की बोरियों को लेकर जा रहा था ट्रक, तभी दिखी कुछ हलचल, दिखने पर पुलिस ने की चेकिंग, तभी दिखा कुछ ऐसा के……

एक नियमित जांच के दौरान पुलिस को जलपाईगुड़ी जिले में चावल की बोरियों से लदे ट्रक में कबूतरों से भरी हुई कुछ बोरियां भी मिली। इसके बाद पुलिस ने दो आदमियों को गिरफ्तार किया।

जलपाईगुड़ी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल पुलिस अपनी नियमित जांच कर रही थी। इसी दौरान उसने एक ट्रक को रोका जिसमें चावल से भरी बोरियां लदी हुई थी। मगर इसी दौरान पुलिस ने देखा कि एक बोरी में हलचल हो रही है। इसके बाद पुलिस ने चेकिंग की जिसके बाद पुलिस को उस बोरी में कबूतर मिले। मामले में कार्रवाई के बाद सभी कबूतरों को जंगल में छोड़ दिया गया।

कल यानी 28 अक्टूबर को पुलिस नाका चेकिंग कर रही थी। इस दौरान पुलिस को एक ट्रक में कुछ बोरियों में हलचल नजर आई। जांच करने पर उन बोरियों में कबूतर बंद मिले। पुलिस को लगभग 6 बोरियों में कबूतर मिले। इसके बाद पुलिस ने पक्षियों को मवेशियों के लिए निर्धारित वाहन में ले दाने के बजाए ट्रक में ले जाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन था। पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक 6 बोरियों में 100 से अधिक कबूतर मिलें जिन्हें बचा लिया गया। पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी व्यक्ति उत्तर दिनाजपुर जिले के करंदिघी से पक्षियों को बेचने के लिए दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी ले जा रहे थे। उन्हें पकड़ने के बाद ट्रक को न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस थाने लाया गया और साथ ही इस मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई। वन विभाग के अधिकारियों ने कबूतरों को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।

एक अन्य खबर में आपको बता दें कि पिछले महीने कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर ने 150 साल पूरे किए। अब इस चिड़ियाघर को विरासत का दर्जा मिल गया है। इसके साथ ही यहां एक नीला फलक भी लगा दिया गया है। आपको बता दें कि यह फलक कोलकाता नगर निगम द्वारा लगाया गया है। आपको इस चिड़ियाघर से जुड़ी जानकारी देते हुए बता दें कि यह करीब 19 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका उद्घाटन 24 सितंबर 1875 को किया गया था। इस जू में करीब 1,265 जानवर हैं। चिड़ियाघर के निदेशक शुभंकर सेनगुप्ता के मुताबिक देश के सबसे पुराने चिड़ियाघर को सोमवार को यह बैज प्राप्त हुआ। नीले फलक से लोग किसी इमारत की विरासत के दर्जे के बारे में जान पाते हैं।

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