युवक अक्सर आता था रेलवे स्टेशन, जब ली उसकी तलाशी तो हुआ कुछ ऐसा कि जेल पहुंच गए जीआरपी के 4 कांस्टेबल
बिलासपुर में एक युवक पिछले एक साल से किराए के मकान में रह रहा था. वह आए दिन बिलासपुर रेलवे स्टेशन जाता था. जिंदगी आराम से कट रही थी. इसी बीच 24 अक्टूबर को जीआरपी ने उसे पकड़ लिया. फिर तो ऐसा राज खुला कि रेलवे में हड़कंप मच गया. जीआरपी के चार कांस्टेबल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आइये जानते हैं पूरा मामला…
वर्दी की आड़ में युवक से गांजा तस्करी कराने वाले जीआरपी के चार कांस्टेबल को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें से दो कांस्टेबल को जेल भेज दिया गया है, वहीं दो आरक्षकों को पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है. जानकारी के मुताबिक बीते 24 अक्टूबर को जीआरपी ने बिलास रेलवे स्टेशन में 20 किलो गांजा के साथ जबलपुर निवासी योगेश सोंधिया और खरीददार चित्रकूट निवासी रोहित द्विवेदी को पकड़ा था. पुलिस मुख्यालय से मामले की डायरी जांच के लिए बिलासपुर एसपी ऑफिस भेजी गई. बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की. गांजा तस्करी के आरोप में पकड़े गए योगेश सौंधिया और रोहित द्विवेदी से सख्ती से पूछताछ की.
योगेश सोंधिया ने बताया कि वह पिछले एक साल शहर में किराए के मकान में रह रहा है. जीआरपी थाना के आरक्षक लक्ष्मण गाइन, सौरभ नागवंशी, संतोष राठौर और मन्नू प्रजापति के कहने पर ओडिशा से गांजा लाकर उनके संरक्षण में रेलवे स्टेशन में बेचता है. बिक्री की रकम वह आरक्षकों को देता था. मामले में पकड़ा गया रोहित द्विवेदी उस दिन गांजा खरीदने आया था. आरोपियों के बयान के आधार पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत चारों आरक्षकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने दो आरक्षकों को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की मांग की. कोर्ट के आदेश पर आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन को एक दिन की पुलिस रिमांड में लिया है. वहीं आरक्षक सौरभ नागवंशी, मन्नू प्रजापति को जेल भेज दिया है.
बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह ने बताया, ’24 अक्टूबर को केस आया था. दो लड़के गांजे के साथ बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए थे. इंटेलीजेंस का इनपुट था कि इन दोनों से गहन पूछताछ की जाए क्योंकि जीआरपी के कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का भी शक था. गांजा ट्रेन से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से आता था. दोनों बोगी से गांजा लेकर जाते थे. जीआरपी का स्टाफ मदद करता था. जीआरपी कर्मचारी की मदद गांजा बेचा जाता था. जीआरपी के चार कांस्टेबल को हिरासत में लिया गया. पिछले तीन साल से सभी कांस्टेबल इस गोरखधंधे में लिप्त थे. पूरा प्रकरण जीआरपी से बिलासपुर पुलिस को सौंपा गया. पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है.’
सिंह ने आगे बताया, ‘चार इंस्पेक्टर की टीम जांच के लिए तैनात की गई है. वो सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं. कौन-कौन लोग इस गोरखधंधे में शामिल हैं और कब से यह कर रहे थे, इन सभी पहलुओं पर जांच जारी है.’