30 लोग गए थे थाईलैंड घूमने, खूब की मौज-मस्ती, लेकिन वापस आते समय हो गया कुछ ऐसा कि अब पकड़कर बैठे हैं अपना माथा
थाईलैंड में ये लोग घूमने-फिरने के लिए पहुंचे थे.16 नवंबर से ये यात्री थाईलैंड के शहर फुकेट में फंसे हुए हैं. चार दिन बाद भी ये यात्री वापस घर नहीं लौट पाए हैं. एयर इंडिया ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है.
थाइलैंड के बेहद खूबसूरत शहर फुकेट कौन नहीं जाना चाहता. हर साल यहां लाखों की संख्या में भारतीय घूमने-फिरने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे ही 30 से 35 योत्रियों के लिए फुकेट का टूर एक भयानक सपने में बदल गया. आमतौर पर दिल्ली से फुकेट की फ्लाइट महज पांच घंटे में लोगों को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचा देती है लेकिन ये यात्री चार दिन बीत जाने के बावजूद भी अबतक फुकेट से अपने घर नहीं लौट पाए हैं. इसकी मुख्य वजह है एयर इंडिया का ढुलमुल रवैया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 16 नवंबर को एयर इंडिया की AI 377 फ्लाइट से कुल 142 यात्रियों को फुकेट से दिल्ली आना था. स्थानीय समय के अनुसार शाम शाम 5.50 बजे प्लेन ने उड़ान भरी लेकिन एयरबस A320 (VT-EDD) तकनीकी खराबी के कारण वापस एयरपोर्ट पर आ गया. इसके बाद पायलेट और क्रू मेंबर्स के ड्यूटी टाइमिंग के कारण प्लेन उड़ान नहीं भर पाया. अगले दिन विमान ने फिर फुकेट से रात 8.44 बजे उड़ान भरी. फिर तकनीकी खराबी के कारण 3.5 घंटे बाद ये विमान वापस एयरपोर्ट पर आ गया.
एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक “जब 16 नवंबर की उड़ान रद्द हुई तब एयरलाइन ने उन्हें फुकेट के होटल में ठहरने की व्यवस्था की थी. उस दिन AI 377 से यात्रा करने वाले 142 लोगों में से अधिकांश ने या तो अपना टिकट रद्द कर दिया है और दिल्ली लौटने के लिए अन्य व्यवस्थाएं कर ली. अब लगभग 30-35 यात्री फुकेट में रह गए हैं, जिन्हें बुधवार को वापस भेजे जाने की संभावना है.” एयर इंडिया के सूत्रों ने टीओआई को बताया कि बुधवार को फुकेट में अभी भी मौजूद लगभग 30-35 यात्रियों को घर भेजने की योजना बना रही है. अगर आज ये यात्री वापस दिल्ली आ जाते हैं तो वो चार दिन बाद स्वदेश लौटेंगे.
उधर, इस मामले पर एयर इंडिया की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया. कहा गया, “एयर इंडिया फ्लाइट AI-377 के डिले के कारण यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करता है! एक तकनीकी समस्या के कारण इसे रद्द कर दिया गया था. हमारे ग्राउंड स्टाफ ने उनकी असुविधा को कम करने की कोशिश की. उनके होटल में रहने और खाने सहित सभी ऑन-ग्राउंड सहायता प्रदान क गई. कुछ मेहमानों को वैकल्पिक उड़ानों में भी शिफ्ट किया गया. यात्रियों को फ्लाइट रद्द करने पर पूरे पैसे वापसी के विकल्प भी दिए गए थे.