शादी का लहंगा खरीद के ख़ुशी – ख़ुशी घर लौट रही थी लड़की, मां से बोली- ‘घर आ रही हूं’, तभी बिच रस्ते में हुआ कुछ ऐसा की…..
मेरठ की रहने वाली पारुल अपनी शादी के लिए लहंगा खरीदने दिल्ली आई थी. दिल्ली में दिनभर शॉपिंग की. अपनी पसंद का लहंगा खरीदा. फिर मां को फोन मिलाया और कहा कि ट्रेन से घर लौट रही है. युवती जैसे ही मेरठ कैंट स्टेशन पर पहुंची, कुछ ऐसा हुआ, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. पूरा परिवार फूट-फूटकर रोया. आइये जानते हैं पूरा मामला…
मेरठ में शादी से 18 दिन पहले युवती की मौत हो गई. युवती दिल्ली से शादी का लहंगा खरीदकर घर लौट रही थी. ट्रेन से मेरठ कैंट स्टेशन पहुंची और ट्रेन से उतरने के बाद घर के लिए निकली. ट्रैक पार करने के दौरान वह जन शताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आ गई. युवती ईयरफोन लगाए हुए थी, इसलिए उसे हॉर्न सुनाई नहीं दिया. युवती के बैग में मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान पारुल (27) के रूप में हुई. वह पल्लवपुरम कृष्णानगर की रहने वाली थी और 4 भाइयों की इकलौती बहन थी. पारुल की 10 दिसंबर को शादी होनी थी. लड़का विदेश में मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता है और पंजाब का रहने वाला है.
पारुल के पिता राजपाल सिंह को जब घटना की जानकारी हुई तो वह बेहोश हो गए. जानकारी के मुताबिक, पारुल शादी की शॉपिंग करने के लिए ट्रेन से बुधवार को दिल्ली गई थी. शॉपिंग के दौरान अपना मनपसंद लहंगा खरीदा. शाम को ट्रेन से मेरठ पहुंची. प्लेटफॉर्म-3 पर उतरकर घर जाने के लिए ट्रैक पार करने के दौरान वह जन शताब्दी ट्रेन की चपेट में आ गई. पारुल कान में ईयरफोन लगाए हुए थी, इसलिए उसे ट्रेन के बारे में अंदाजा नहीं हो पाया. सूचना पर GRP कंकरखेड़ा में हड़कंप मच गया. सदर बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची.
पुलिस को पारुल का बैग घटनास्थल से 20 मीटर दूर पड़ा मिला था. बैग में आधार कार्ड और लहंगा मिला. उसी के आधार पर उसकी पहचान हुई. पुलिस ने घरवालों को सूचना दी. कान में ईयर बड्स देखकर मौत की वजह स्पष्ट हुई. पारुल की मौत की सूचना पाते ही भाई और माता-पिता स्टेशन पहुंचे. इकलौती बहन का शव देखकर फफक कर रोने लगा. हाथ में लहंगा उठाकर कहने लगा कि ‘इस तरह से तुम्हे विदा करना होगा, यह तो कभी सोचा भी नहीं था.’
मां एक ही बात बार-बार बोलती रही कि बेटी की डोली उठनी थी, अब अर्थी उठानी पड़ रही है. परिवारवालों के मुताबिक पारुल ने कहा था कि दिल्ली से लहंगा लाएगी. लहंगा तो नहीं पहन सकी, अब कफन में विदा करना पड़ेगा. मां ने बताया कि शाम को साढ़े तीन बजे पारुल का फोन आया था. उसने बताया था कि बहुत अच्छा लहंगा खरीदा है. अब शॉपिंग करके ट्रेन से घर आ रही हूं.